नयी दिल्ली: राजनीतिक क्षेत्र में केन्द्रीय बजट को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिली। बीजेपी ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत के लिए है और इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। हालांकि विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह बजट लोगों से छल है और इसमें आम लोगों को इस तरह से नीचा दिखाया गया है जैसा पहले कभी नहीं हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बजट के दिल में गांव और किसान हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट में देश में कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए और किसानों की आय बढ़ाने के लिए बहुत जोर दिया गया है। किसानों को आसानी से और ज्यादा ऋण मिल सकेगा। देश की मंडियों को और मजबूत करने के लिए प्रावधान किया गया है। ये सब निर्णय दिखाते हैं कि इस बजट के दिल में गांव हैं, हमारे किसान हैं।’’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के बाद टेलीविजन पर अपने संदेश में मोदी ने कहा कि इसमें किसानों के लिए ऋण आसान बनाने सहित कृषि क्षेत्र के लिए कई प्रावधान किये गये हैं। बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने केंद्रीय बजट को सबका साथ, सबका विकास और सबका विकास के मंत्र से प्रेरित बताया और कहा कि यह गरीबों और किसानों को मजबूती देने के साथ ही देश की आर्थिक गति को तेज करने वाला है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपने की है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सरकार लोगों के हाथों में पैसे देने के बारे में भूल गई। मोदी सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपने की है।’’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आम बजट को सर्वस्पर्शी बताया और कहा कि यह किसानों की आय दोगुना करने के संकल्प का मार्ग प्रशस्त करेगा। बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट कर विश्वास जताया कि यह बजट भारत को कोविड संक्रमण के बाद के अवसर का इस्तेमाल करके वैश्विक परिदृश्य में मजबूती से उभरने में सहायक होगा और भारत दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनेगा।
वरिष्ठ बीजेपी नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आम बजट को कई मायनों में अभूतपूर्व करार दिया और कहा कि यह देश में विकास व समृद्धि के एक नये युग की शुरुआत करेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने आम बजट की सराहना की और कहा कि कोविड-19 टीके के लिए 35,000 करोड़ रुपये के आवंटन से इस महामारी का अंत करने में सहायता मिलेगी और आर्थिक विकास में तेजी आएगी। वर्धन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के विवेक की प्रशंसा की। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने केंद्रीय बजट को आगे की सोच वाला करार दिया और कहा कि इससे रोजगार को खासा बढ़ावा मिलेगा।
इस बीच विपक्षी कांग्रेस ने बजट को लेकर आरोप लगाया कि देश के गरीबों, कामकाजी तबकों, मजदूरों एवं किसानों के लिए सिर्फ यह एक धोखा है और इससे पहले कभी भी बजट से इतनी निराशा नहीं हुई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वित्त मंत्री ने भारत के लोगों खासकर गरीबों, कामकाजी तबकों, मजूदरों, किसानों, स्थायी रूप से बंद हुईं औद्योगिक इकाइयों और बेरोजगार हुए लोगों को धोखा दिया है। उन्होंने उनका भाषण सुन रहे सांसदों समेत उन सभी लोगों के साथ धोखा किया है जिनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि पेट्रोल एवं डीजल समेत कई उत्पादों पर उपकर लगा दिया गया है।’’
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘इस बजट से इतनी निराशा हुई है जितनी कभी नहीं हुई। पिछले साल की तरह इस बजट की सच्चाई सामने आ जाएगी।’’ चिदंबरम ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल, केरल, असम और तमिलनाडु में चुनावों को देखते हुए उन पर विशेष ध्यान दिया गया है, लेकिन लोग मूर्ख नहीं हैं क्योंकि वे जानते हैं ये घोषणाएं सिर्फ प्रस्ताव हैं। वाम दलों ने आम बजट को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सिर्फ बयानबाजी हुई है तथा इस बजट से सिर्फ कॉरपोरेट जगत के लोगों को फायदा होगा।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि यह बजट न तो आम लोगों और न ही अर्थव्यवस्था में गति लाने के लिए है, बल्कि यह अमीरों को और अमीर तथा गरीबों को और गरीब बनाने वाला है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘बजट उन लोगों के साथ विश्वासघात है जो कोरोना महामारी और मंदी की दोहरी मार झेल रहे हैं।’’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय बजट को जन-विरोधी करार देते हुए आरोप लगाया कि यह जनता को छलने वाला बजट है और राष्ट्रवाद की बात करने वाली बीजेपी देश के संसाधनों को निजी क्षेत्र के लोगों को बेच रही है।
शिवसेना ने दावा किया कि केन्द्रीय बजट में महाराष्ट्र की अनदेखी की गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट को लोक कल्याणकारी, सर्वसमावेशी तथा आत्मनिर्भर भारत की मंशा के अनुरूप बताया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी और राजस्व संग्रहण में दिक्कतों के बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा संतुलित बजट पेश किया गया, यह स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक संतुलित बजट प्रस्तुत करने के लिये केन्द्र सरकार को बधाई देता हूं।’’