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कर्नाटक में भाजपा, कांग्रेस-जद एस ने एक-दूसरे पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए

कर्नाटक में सोमवार को फिर से राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया जब सत्तारूढ़ कांग्रेस--जदएस गठबंधन तथा भाजपा ने एक-दूसरे पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने के आरोप लगाए।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 14, 2019 22:57 IST
Political drama starts in Karnataka- India TV Hindi
Political drama starts in Karnataka

नई दिल्ली। कर्नाटक में विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप-प्रत्यारोप का दौर सोमवार को एक बार फिर शुरू हो गया जब सत्तारूढ़ कांग्रेस-जदएस गठबंधन तथा भाजपा ने एक-दूसरे पर विधायकों को लालच देकर तोड़ने के आरोप लगाए। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने कहा कि स्थिर सरकार चलाने के लिए उनके पास पर्याप्त संख्या बल है। इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के छह से आठ विधायक भाजपा के साथ जाने के लिए तैयार हैं और कुछ विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। इस बीच, कुमारस्वामी ने कहा कि सरकार में अस्थिरता का सवाल ही पैदा नहीं होता है। कांग्रेस-जदएस ने जहां भाजपा पर विधायकों को लालच देने के आरोप लगाए वहीं राज्य भाजपा के प्रमुख बी. एस. येदियुरप्पा ने इन खबरों को खारिज कर दिया कि सरकार गिराने के लिए उनकी पार्टी ऑपरेशन कमल में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि आरोपों में कोई सत्यता नहीं है और कहा कि कांग्रेस- जदएस गठबंधन उनकी पार्टी के विधायकों को लालच देने का प्रयास कर रहा है। 

दिल्ली में भाजपा विधायकों और सांसदों से मुलाकात करने के बाद येदियुरप्पा ने कहा कि हमने नहीं, उन्होंने (जद एस-कांग्रेस) खरीद-फरोख्त की शुरुआत की है। हम एक-दो दिनों तक दिल्ली में रूकेंगे क्योंकि कुमारस्वामी हमारे विधायकों से संपर्क साधने के प्रयास में हैं और खरीद-फरोख्त शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा सतर्क और सावधान है क्योंकि मुख्यमंत्री शक्ति और धन का इस्तेमाल कर हमारे विधायकों को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस ने भी कहा कि येदियुरप्पा, सरकार को अस्थिर करने का व्यर्थ प्रयास कर रहे हैं। 224 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 104 विधायक, कांग्रेस के 79, जद एस के 37, बसपा, केपीजेपी और निर्दलीय के एक-एक विधायक हैं। बसपा, केपीजेपी और निर्दलीय विधायक गठबंधन सरकार का समर्थन कर रहे हैं। 

मीडिया में इस तरह की खबर आई थी कि कांग्रेस विधायक भाजपा में जाने के लिए तैयार हैं और कुछ विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है जिसके बाद सरकार को खतरे की संभावना के कयास लगाए जाने लगे थे। ऑपरेशन कमल का जिक्र 2008 में भाजपा द्वारा विपक्ष के कई विधायकों का दल बदल करवाकर तत्कालीन बी एस येदियुरप्पा सरकार की स्थिरता सुनिश्चत कराने के लिए किया जाता है। राज्य के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि यहां स्थिर सरकार देने के लिए मेरे पास पर्याप्त संख्या बल है। कांग्रेस या जदएस को भाजपा से विधायकों की खरीद-फरोख्त करने की जरूरत नहीं है, हमारे पास पर्याप्त संख्या बल है। उन्होंने कहा कि किस भाजपा विधायक के नाम किस रिजॉर्ट में कमरे आरक्षित थे, कितने कमरे आरक्षित थे। वे कांग्रेस-जदएस के कितने विधायकों को लालच दे रहे थे और साथ ले जाने का प्रयास कर रहे थे... क्या मेरे पास सूचना नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ’गठबंधन सरकार को 120 विधायकों का समर्थन हासिल है।

कुमारस्वामी ने कहा कि मैंने मीडिया में खबर देखी (ऑपरेशन कमल के बारे में)। आज भी मैंने खबर देखी कि 17 जनवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं मालूम कि मीडिया को कौन इस तरह की खबरें दे रहा है... खबर देखकर मैं आश्चर्यचकित था। जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार के इस दावे के बारे में पूछने पर कि कांग्रेस के तीन विधायक मुंबई में डेरा डाले हुए हैं, कुमारस्वामी ने कहा कि वह उन विधायकों के नियमित संपर्क में हैं। शिवकुमार ने दावा किया था कि कांग्रेस के तीन विधायक मुंबई के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं और भाजपा के कुछ नेताओं के साथ हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सुबह साढ़े सात बजे मैंने उनसे बात की। वे निजी कारणों से गए हुए हैं और इसमें राजनीति करने की जरूरत नहीं है। शिवकुमार ने रविवार को कहा था कि भाजपा का ‘ऑपरेशन कमल’ यथार्थ है। उन्होंने आरोप लगाए कि कांग्रेस के तीन विधायक मुंबई के एक होटल में रूके हुए हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि सत्तारूढ़ गठबंधन का कोई भी विधायक भगवा दल में नहीं जाएगा। खबरों में बताया गया कि भाजपा के विधायक दिल्ली में हैं जिन्हें गुड़गांव भेजे जाने की संभावना है ताकि वे दल-बदल नहीं कर सकें। वहीं कांग्रेस और जद (एस) कथित तौर पर भाजपा विधायकों को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि ‘ऑपरेशन कमल’ का बदला लिया जा सके। बहरहाल, येदियुरप्पा ने कहा कि हमें ‘रिजॉर्ट राजनीति’ करने की कोई जरूरत नहीं है, हम ऐसा कर भी नहीं रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ दिल्ली में रहेंगे और कुछ गुड़गांव जा रहे हैं, वे जाएंगे और लौट आएंगे।

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