चेन्नई: महाराष्ट्र में शनिवार सुबह हुए सियासी घटनाक्रम ने सिर्फ सूबे के ही नहीं बल्कि पूरे देश के सियासी पंडितों को चौंका दिया है। शुक्रवार की रात तक जहां उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र का सीएम बनने की चर्चा थी, वहीं शनिवार की सुबह देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर सूबे की राजनीति में भूचाल ला दिया। इस कदम की बीजेपी के विपक्षी आलोचना भी कर रहे हैं, जिसमें एक नाम डीएमके नेता एम. के. स्टालिन का भी जुड़ गया है।
तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके ने शनिवार को महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम को ‘घृणित’ करार दिया। आपको बता दें कि स्टालिन की पार्टी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) का एक प्रमुख घटक दल है। पार्टी प्रमुख स्टालिन ने यहां तक कहा कि इसे लोकतंत्र की हत्या भी कह दिया जाए, तो भी यह कम होगा। DMK नेता ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘महाराष्ट्र में कोई इस राजनीति को घिनौना कह सकता है। यह कितनी अभद्र या घटिया राजनीति है, इसकी तुलना नहीं की जा सकती।’
उन्होंने पूछा कि क्या भारतीय जनता पार्टी ने ‘राजनीतिक नियमों को रौंद दिया है, राज्यपाल को कठपुतली बना दिया और सत्ता में आने के लिए राष्ट्रपति कार्यालय का भी इस्तेमाल किया। क्या यह छलकपट नहीं है।’ राज्य के नेता प्रतिपक्ष स्टालिन ने यह भी कहा, ‘ऐसा लगता है कि इसे लोकतंत्र की हत्या भी करार दिया जाए, तो भी कम होगा, इससे मामले की गंभीरता कम होगी। भारतीय लोकतंत्र का चेहरा काला कर दिया गया है। यह बहुत शर्मनाक है।’