मुम्बई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि रक्षा कर्मियों से जुड़े ‘‘वन रैंक, वन पेंशन’’ का वायदा हकीकत में बदल चुका है और अब तक 20 लाख सेवानिवृत फौजियों को 11 हजार करोड़ रूपये बकाये के तौर पर दिये जा चुके हैं।
छह स्कार्पिन श्रेणी की पनडुब्बी की श्रृंखला में पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी के जलावतरण समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि मैं आज इस अवसर पर हर उस व्यक्ति का आभार व्यक्त करता हूं जिसने देश की सुरक्षा में अपना जीवन समर्पित कर दिया है।
उन्होंने कहा कि राज्यों के पुलिस बल, अर्द्ध सैनिक बल, हमारी सेनाएं, सुरक्षा में लगी हर वह एजेंसी जो दिखती है, और हर वह एजेंसी जो नहीं दिखती है, उनके प्रति इस देश के सवा-सौ करोड़ लोग कृतज्ञ हैं। उनका अभिनंदन करता हूं।
मोदी ने कहा कि देश की मजबूती हमारे सुरक्षाबलों की मजबूती से जुड़ी हुई है और इसलिए सुरक्षाबलों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, बिना विलंब किए हुए, उनके लिए फैसले लेना, उनके साथ खड़े रहना ये इस सरकार की प्राथमिकता है। और यह हमारी सरकार के स्वभाव में है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमारी ही प्रतिबद्धता थी जिसके कारण कई दशकों से लंबित वन रैंक, वन पेंशन का वायदा हकीक़त में बदल चुका है। अब तक 20 लाख से अधिक रिटायर्ड फौजी भाइयों को लगभग 11 हजार करोड़ रुपए एरियर के तौर पर दिए भी जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि आज इस अवसर पर मैं सागर परिक्रमा के लिए निकली भारतीय नौसेना की 6 वीर, जांबाज अफसरों को भी याद करना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश की रक्षा मंत्री निर्मला जी की प्रेरणा से, भारत की नारी शक्ति का संदेश लेकर, बहुत हौसले के साथ, ये हमारे छ: जांबाज सेनानी आगे बढ़ती चली जा रही हैं। मोदी ने कहा कि आप ही जल-थल-नभ में इसी अथाह भारतीय सामर्थ्य को सहेजे हुए हैं। आज आईएनएस कलवरी के साथ एक नए सफर की शुरुआत हो रही है।