नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम ’मन की बात’ के रविवार को 50 एपिसोड पूरे हो गए। श्रोताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कि भारत का मूल-प्राण राजनीति या राजशक्ति नहीं बल्कि समाजनीति और समाज-शक्ति है तथा ऐसे में सब कुछ ‘राजनीति’ हो जाना, स्वस्थ समाज के लिए एक अच्छी व्यवस्था नहीं है। आकाशवाणी पर प्रसारित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि जब ‘मन की बात’ शुरू हुई थी तभी उन्होंने तय किया था कि न तो इसमें राजनीति हो, न ही इसमें सरकार की वाहवाही हो और न ही इसमें कहीं मोदी हो।
उन्होंने कहा कि उनके इस संकल्प के लिये सबसे बड़ा संबल, सबसे बड़ी प्रेरणा लोगों से मिली। प्रधानमंत्री ने मन की बात के 50वें एपिसोड को संबोधित करते हुए अपने कुछ व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किए। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मोदी आएगा और चला जाएगा, लेकिन यह देश अटल रहेगा, हमारी संस्कृति अमर रहेगी। 130 करोड़ देशवासियों की छोटी-छोटी यह कहानियां हमेशा जीवित रहेंगी और देश को नयी प्रेरणा तथा उत्साह से नयी ऊंचाइयों पर ले जाती रहेंगी।’
समाज को सत्य, कर्म, सेवा, करुणा और सौहार्द का मार्ग दिखाने के गुरू नानक देव के संदेश को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश अगले वर्ष सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती का समारोह भव्य रूप से मनायेगा और इसका रंग देश में ही नहीं बल्कि दुनिया-भर में बिखरेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत सरकार ने करतारपुर कारिडोर बनाने का एक बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय किया है ताकि हमारे देश के श्रद्धालु आसानी से पाकिस्तान स्थित करतारपुर में गुरु नानक देव जी के पवित्र स्थल में दर्शन कर सकें।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि दो दिन पहले 23 नवंबर को सभी ने गुरु नानक देव जी की जयंती मनाई है और अगले वर्ष यानी 2019 में हम उनका 550वां प्रकाश-पर्व मनाने जा रहे हैं। गुरु नानक देव जी ने सदा ही पूरी मानवता के कल्याण के लिए सोचा। उन्होंने समाज को हमेशा सत्य, कर्म, सेवा, करुणा और सौहार्द का मार्ग दिखाया। मोदी ने कहा कि देश अगले वर्ष, सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती का समारोह भव्य रूप से मनायेगा। इसका रंग देश में ही नहीं बल्कि दुनिया-भर में बिखरेगा। सभी राज्य सरकारों और केन्द्रीय शासित प्रदेशों से भी यह पावन अवसर धूमधाम से मनाने का अनुरोध किया गया है।
जानें, PM मोदी ने 'मन की बात' में क्या कहा:
11:31 AM: कल संविधान दिवस है, यह उन महान विभूतियों को याद करने का दिन है, जिन्होंने हमारा संविधान बनाया। संविधान ड्राफ्ट करने के इस ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में संविधान सभा को 2 वर्ष, 11 महीने और 17 दिन लगे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
11:27 AM: आज के युवाओं की यह खूबी है कि वे ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिस पर स्वयं उन्हें विश्वास न हो और जब वे किसी चीज पर विश्वास करते हैं तो फिर उसके लिए सब कुछ छोड़-छाड़ कर उसके पीछे लग जाते हैं: पीएम मोदी
11:22 AM: भारत जैसे देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए जन-सामान्य की प्रतिभाएं पुरुषार्थ को उचित स्थान मिले, यह हम सबका एक सामूहिक दायित्व है और 'मन की बात' इस दिशा में एक नम्र और छोटा सा प्रयास है: प्रधानमंत्री मोदी
11:18 AM: मोदी आएगा और चला जाएगा, लेकिन यह देश अटल रहेगा, हमारी संस्कृति अमर रहेगी। 130 करोड़ देशवासियों की छोटी-छोटी ये कहानियां हमेशा जीवित रहेंगी। इस देश को नई प्रेरणा में उत्साह से नई ऊंचाइयों पर लेती जाती रहेंगी: 'मन की बात' में PM मोदी
11:17 AM: जब 'मन की बात' शुरू किया था तभी मैंने तय किया था कि न इसमें पॉलिटिक्स हो, न इसमें सरकार की वाहवाही, और न इसमें कहीं मोदी हो और मेरे इस संकल्प को निभाने के लिए सबसे बड़ा संबल, सबसे बड़ी प्रेरणा आप सबसे मिली: 'मन की बात' में PM मोदी
11:15 AM: मुझे बड़ा ही आश्चर्य हुआ कि इस जंगल के सुनसान इलाके में, बर्फीली पहाड़ियों के बीच, एक सामान्य इंसान जो चाय का ठेला लेकर के अपना काम कर रहा है और दिन-भर रेडियो सुनता रहता होगा और उस रेडियो की ख़बर का उसके मन पर इतना असर था, इतना प्रभाव था और तब से मेरे मन में एक बात घर कर गयी थी कि रेडियो जन-जन से जुड़ा हुआ है और रेडियो की बहुत बड़ी ताकत है: 'मन की बात' में PM मोदी
11:13 AM: वह परमाणु परीक्षण का दिन था और हमारे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मीडिया के सामने आकर के घोषणा की थी और इसने ये घोषणा रेडियो पर सुनी थी और नाच रहा था: 'मन की बात' में PM मोदी
11:12 AM: अरे बोले आज भारत ने बम फोड़ दिया है। मैंने कहा भारत ने बम फोड़ दिया है! मैं कुछ समझा नहीं। तो उसने कहा- देखिए साहब, रेडियो सुनिए। तो रेडियो पर उसी की चर्चा चल रही थी: 'मन की बात' में PM मोदी
11:11 AM: मैं भी हैरान हो गया तो मैंने पूछा क्या बात है कोई घर में कोई शादी-वादी कोई प्रसंग-वसंग है क्या ! उसने कहा नहीं-नहीं भाईसाहब, आपको मालूम नहीं क्या ? अरे बहुत बड़ी खुशी की बात है वो ऐसा उछल रहा था, ऐसा उमंग से भरा हुआ था, तो मैंने कहा क्या हुआ: 'मन की बात' में PM मोदी
11:10 AM: ऊपर कपड़ा भी नहीं था ऐसे ही रोड के किनारे पर छोटा सा ठेला लगा के खड़ा था। तो उसने अपने पास एक शीशे का बर्तन था, उसमें से लड्डू निकाला, पहले बोला – साहब, चाय बाद में, लड्डू खाइए, मुंह मीठा कीजिये: 'मन की बात' में PM मोदी
11:09 AM: हिमाचल की पहाड़ियों में शाम को ठण्ड तो हो ही जाती है, तो रास्ते में एक ढाबे पर चाय के लिये रुका और जब मैं चाय के लिए ऑर्डर किया तो उसके पहले, वह बहुत छोटा-सा ढाबा था, एक ही व्यक्ति खुद चाय बनाता था, बेचता था: 'मन की बात' में PM मोदी
11:07 AM: ये 1998 की बात है, मैं भारतीय जनता पार्टी के संगठन के कार्यकर्ता के रूप में हिमाचल में काम करता था। मई का महीना था और मैं शाम के समय यात्रा करता हुआ किसी और स्थान पर जा रहा था: 'मन की बात' में PM मोदी
11:06 AM: मई 2014 में जब मैंने एक प्रधान-सेवक के रूप में कार्यभार संभाला तो मेरे मन में इच्छा थी कि देश की एकता, भव्य इतिहास, उसका शौर्य, भारत की विविधताएं हमारे समाज के रग-रग में समाई अच्छाइयां, पुरुषार्थ, जज़्बा, त्याग, तपस्या इन सारी बातों को,जन-जन तक पहुंचाना चाहिए: 'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
11:05 AM: रेडियो द्वारा कम्युनिकेशन रीच की बराबरी किसी भी संचार माध्यम से नहीं की जा सकती: 'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
11:03 AM: रेडियो जन-जन से जुड़ा हुआ है। मुझे रेडियो की ताकत का अंदाजा था: 'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
इससे पहले प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम के पुराने एपिसोड्स में बालिका शिक्षा, प्रदूषण घटाने, नशीले पदार्थों के इस्तेमाल को रोकने जैसे तमाम जरूरी मुद्दों पर अपनी बात रखी है। अक्टूबर, 2014 में प्रसारित इस कार्यक्रम के पहले अंक में प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकों से कहा था कि वे कम से कम खादी के एक उत्पाद का प्रयोग करें ताकि गरीब बुनकरों की सहायता हो सके। प्रधानमंत्री कार्यालय से शुक्रवार को जारी एक बयान के अनुसार इस अंक के प्रसारण के बाद से खादी उत्पादों की बिक्री में 120 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गई।
श्रोताओं की प्रतिक्रियाओं को देखते हुए मोदी ने दिसम्बर 2014 को प्रसारित अंक में भारत को नशीले सामानों से मुक्त करने का आह्वान किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों से आग्रह किया कि वे इस बारे में अभियान चलाएं। जनवरी 2015 के अंक में पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ भारतीय प्रधानमंत्री ने मिलकर लोगों को संबोधित किया। एक अंक में प्रधानमंत्री ने बच्चों से यह भी कहा कि परीक्षा की तैयारी को वे एक उत्सव की तरह देखें। मई 2015 के अंक में प्रधानमंत्री ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर अपनी बात कही।