नई दिल्ली: कांग्रेस ने ज्वेलरी डिजाइनर नीरव मोदी की संलिप्तता वाले 11,400 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के लिए शनिवार को मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘सांठगांठ वाले पूंजीवाद को संस्थागत’ रूप देने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री और उनकी सरकार पर अर्थव्यवस्था के घुटने टिकवाने का आरोप लगाया और आगाह किया कि उनकी अगुवाई में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि वह देश के चौकीदार होते हुए ‘सो रहे हैं’ और चोर देश की संपत्ति चुराकर चंपत हो रहे हैं।
CBI द्वारा मामले में दूसरी प्राथमिकी दर्ज किए जाने का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि आरोपियों द्वारा सभी शपथपत्र NDA सरकार के तहत हस्ताक्षरित किए गए। सरकार घोटाले को होने से रोकने में नाकाम रही। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, पार्टी नेता शक्ति सिंह गोहिल और पवन खेड़ा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सिब्बल ने यह सवाल किया कि प्रधानमंत्री उनकी विदेश यात्राओं में उनके साथ गए लोगों के ब्यौरों का खुलासा क्यों नहीं करते? उन्होंने सवाल किया, ‘क्या प्रधानमंत्री मोदी इस तरह के कारोबार में सुगमता की बात करते हैं। मैं बीजेपी को चुनौती देता हूं कि वह UPA के शासन और उनके शासन के बारे में चर्चा करें। अपनी गलत मंशाओं के चलते उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के घुटने टिकवा दिए हैं।’
पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रख्यात वकील सिब्बल ने प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय पर इस करोड़ों रुपये के बैंक घोटाले से आंखें मूंद लेने का आरोप लगाया और दावा किया वे इस बारे में अवगत थे। उन्होंने कहा, ‘वे इसके बारे में सब जानते हैं। किंतु उन्होंने आंखें मूंद ली। वे अगवत थे कि देश को लूटा जा रहा है।’ सिब्बल ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि मानव संसाधन विकास मंत्री और सामाजिक न्याय मंत्री को सरकार ने इस मामले में बचाव के लिए उतारा। उन्होंने कहा, ‘मानव संसाधन विकास मंत्री का इससे क्या लेनादेना है। क्या मंत्री नीरव मोदी के मानव संसाधन की गुणवता को बहुत पसंद करते हैं। इसका सामाजिक न्याय मंत्री से क्या लेनादेना नहीं है। कानून मंत्रालय का इससे क्या लेनादेना नहीं है।’ उन्होंने कहा कि सवालों का जवाब देने के लिए न तो वित्त मंत्री और न तो भारतीय रिजर्व बैंक सामने आया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि रत्न एवं आभूषण कारोबार में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण बढ़कर 41.66 अरब रुपये रहा जबकि इसका सकल चालू ऋण 94 अरब रुपये है। उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब ऋण बाजार पूंजीकरण की तुलना में दुगना है जो अपने आप में एक घोटाला है। कौन यह कह सकता है कि सरकार इसे नहीं जानती थी।’ CBI ने इस साल 31 जनवरी को नीरव मोदी, उनकी पत्नी, भाई एवं मेहुल चौकसी के खिलाफ PNB से 280 करोड़ रुपये का घोटाला करने का मामला दर्ज किया था। इसके बाद गत मंगलवार को बैंक ने CBI के पास 2 और शिकायतें भेजी जिसमें कहा गया कि यह घोटाला 11,400 करोड़ रुपये से ज्यादा का है।