नई दिल्ली: इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जीवन से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सुनाया। दरअसल, जब पीएम इस पेमेंट बैंक की खूबियां गिना रहे थे तो उन्होंने कहा कि आज इंडिया पोस्ट ने मेरा भी एक खाता खोला है। इसके बाद पीएम ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘जो खाता नहीं है वह भी खाता तो रखता है।’ उन्होंने कहा कि जीवन में काफी अरसे तक बैंक अकाउंट्स से उनका कोई नाता नहीं रहा। इसके बाद उन्होंने अपने जीवन से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सुनाया।
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से कहा, ‘हमारे जीवन में कभी बैंक अकाउंट का कोई नाता नहीं रहा, लेकिन स्कूल की पढ़ाई के दौरान देना बैंक ने गुल्लक वाली एक स्कीम निकाली थी। उस समय बैंक वालों ने हमें भी एक गुल्लक दी थी, लेकिन वह खाली ही रही। बाद में जब मैं गांव छोड़कर चला गया तो बैंक वाले कई साल तक खाता बंद करने के लिए मुझे ढूंढ़ते रहे, लेकिन मेरा कोई अता-पता नहीं था।’
पीएम ने कहा, ‘बैंक वालों को करीब 32 साल बाद पता चला कि मैं कहीं आया हूं, तो वे मेरे पास आए और कहा कि सिग्नेचर कर दीजिए क्योंकि आपका खाता बंद करना है। हालांकि बाद में जब मैं गुजरात का एमएलए बना तो सैलरी के लिए बैंक अकाउंट खोलना पड़ा लेकिन उसके पहले कभी बैंक अकाउंट से कोई नाता ही नहीं रहा। और आज इंडिया पोस्ट वालों ने एक और खाता खोल दिया।’ इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की लॉन्चिंग के साथ ही अब लोग 650 शाखाओं और 3,250 सुविधा केंद्रों से इसका लाभ उठा सकेंगे।