नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भाजपा नेताओं से कहा कि ‘‘गैर जिम्मेदाराना’’ बयान देने से बचें क्योंकि इस तरह के बयानों से पार्टी की छवि खराब होती है।
पार्टी के सांसदों, विधायकों और अन्य प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान मोदी ने कहा कि कई बार मीडिया के सामने बयान देते हैं और उन्हें ‘‘मसाला’’ (विवाद पैदा करने के लिए चारा) मुहैया करा देते हैं। फिर विवादों के लिए उसे जिम्मेदार ठहराने का कोई तुक नहीं बनता। उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया को जिम्मेदार नहीं ठहराइए। वह अपना काम कर रहा है। हमें चाहिये कि हर चीज में नहीं पड़ें और टीवी के सामने खड़े होकर हर मुद्दे पर देश को राह नही दिखाते रहें। जिन लोगों को मुद्दों पर बोलने की जिम्मेदारी दी गई है वे बोलेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कई बार हमारे कार्यकर्ता कहते हैं कि मीडिया यह कर रहा है, मीडिया वह कर रहा है। लेकिन क्या हमने सोचा है कि हम अपनी गलतियों से मीडिया को ‘मसाला’ दे रहे हैं? जैसे कि हम समाज विज्ञानी या विद्वान हों जो हर समस्या का विश्लेषण कर सकते हैं। जब हम कैमरामैन को देखते हैं तो बयान देने लग जाते हैं। मीडिया जो हिस्सा उपयोग समझती है उसका इस्तेमाल कर लेती हैं । यह उसकी गलती नहीं है। हमें खुद को रोकना होगा।’’
पार्टी की तरफ से जारी बयान के मुताबिक मोदी ने भाजपा को समाज के पिछड़े तबके से मिले समर्थन को आज रेखांकित किया और कहा कि ओबीसी, दलित और आदिवासी समुदाय से इसके सबसे अधिक निर्वाचित सांसद हैं। उन्होंने कहा कि इसकी पहुंच किसी खास वर्ग, शहरी केंद्रों या उत्तर भारत तक सीमित नहीं है। मोदी ने पार्टी नेताओं से कहा कि ‘‘गैर जिम्मेदाराना’’ बयान देने से बचें। उन्होंने कहा कि भाजपा को जनता का समर्थन बढ़ा है इसलिए जिम्मेदारी भी बढ़ी है। मोबाइल एप्लीकेशन के मार्फत पार्टी के सांसदों, विधायकों और अन्य प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के दौरान उनका यह बयान सामने आया। दलितों के मुद्दे पर विपक्षी दलों के विरोध के बीच उनका बयान महत्व रखता है।
भाजपा की विज्ञप्ति में मोदी के हवाले से कहा गया कि पार्टी ने ग्रामीण लोगों का दिल जीता और साथ ही झारखंड में स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी की जीत का जिक्र किया।
उन्होंने सांसदों और विधायकों से कहा कि संकल्प लें कि अपने क्षेत्र में पड़ने वाले गांवों की चार-पांच समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने 14 अप्रैल और पांच मई के बीच चल रहे ‘ग्राम स्वराज’ अभियान के लिए भी कई निर्देश जारी किए। मोदी ने कहा कि कांग्रेस की गलतियों के कारण भाजपा सत्ता में नहीं आई है बल्कि यह हमेशा लोगों से जुड़ी रही और अब इसका काम आम आदमी की समस्याओं का समाधान करना है। उन्होंने कहा कि भाजपा के बारे में विचार हुआ करता था कि यह निश्चित वर्ग और शहरी केंद्रों या उत्तर भारत की पार्टी है लेकिन यह विचार बदल गया है और भाजपा ‘‘सभी के संपर्क और समग्र’’ संगठन के रूप में उभरी है।
पार्टी ने बयान जारी कर कहा, ‘‘समाज के सभी वर्गों में हमारा जनाधार बढ़ रहा है और यही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है।’’ मोदी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि गांवों में विकास कार्यों के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करें। उनकी सरकार द्वारा पर्याप्त संख्या में नौकरियों का सृजन नहीं करने की आलोचना पर उन्होंने कहा कि गांवों में जीवनशैली और आजीविका के स्रोत बदले हैं क्योंकि उनकी सरकार ने स्वरोजगार बढ़ाने पर जोर दिया है। मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि गांवों में सौहार्दता बढ़ाएं और गरीबों, किसानों, दलितों और आदिवासियों का विकास करें। अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2022 तक डेढ़ लाख से ज्यादा पंचायतों में स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे और इस कार्यक्रम का उद्देश्य दस करोड़ परिवारों को पांच लाख की बीमा राशि से कवर करना है।
उन्होंने किसानों, युवकों और महिलाओं के लिए अपनी सरकार की योजनाओं का जिक्र किया और पार्टी के सांसदों- विधायकों से इसका प्रचार -प्रसार करने के लिए कहा।
बयान में कहा गया है कि मोदी 26 अप्रैल को वीडियो ब्रिज तकनीक के माध्यम से कर्नाटक में पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी नेता 20 हजार से अधिक गांवों में रात बिता रहे हैं जहां दलितों और आदिवासियों की 50 फीसदी से अधिक आबादी है ताकि कल्याण योजनाओं को जनता तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि एक हजार से अधिक केंद्र सरकार से अधिकारी इसी उद्देश्य से 500 जिलों में ठहर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल में एक दिन में 11 लाख से अधिक एलपीजी कनेक्शन बांटे गए। मोदी ने विभिन्न मुद्दों पर निर्वाचित प्रतिनिधियों के सवालों के जवाब दिए।