नयी दिल्ली: राफेल सौदे को लेकर सरकार के विरुद्ध अपना अभियान तेज करते हुए कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे तौर पर इसमें शामिल हैं और उनके पास इसके बारे में छिपाने को काफी कुछ है। सौदे पर मोदी की चुप्पी पर सवाल खड़ा करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता आंनद शर्मा ने दावा किया कि केवल प्रधानमंत्री को ही पता था कि ऑफसेट अनुबंध हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को नहीं दिया जाएगा।
शर्मा ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि यह उनका (मोदी का) फैसला था। केवल उन्हें ही पता था कि वह क्या करने जा रहे थे। उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय महत्व के इस मुद्दे पर बोलेंगे लेकिन उन्होंने इस विषय पर लगातार चुप्पी साधे रखी जबकि अपनी सरकार के बारे में उंचे उंचे दावे करते रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के पास राफेल सौदे पर छिपाने को काफी कुछ है। उनकी चुप्पी मौलिक प्रश्न को जन्म देती है क्योंकि वह सीधे तौर पर इसमें शामिल हैं और व्यक्तिगत तौर पर इसके लिए जवाबदेह हैं।
राफेल सौदे को देश के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला होने का दावा करते हुए शर्मा ने इसकी संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच की मांग दोहरायी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की फ्रांस यात्रा पर भी सवाल खड़ा किया जिस दौरान 58,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत वायुसेना के लिए 36 राफेल जेट विमानों की आपूर्ति के लिए दसाल्ट एविएशन में चल रहे कामों की प्रगति का उनके द्वारा जायजा लेना शामिल था। शर्मा ने कहा कि भारत फ्रांस से जो लड़ाकू विमान खरीद रहा है, उसकी कीमत काफी बढ़ गयी है और प्रधानमंत्री को इस सौदे को लेकर उत्पन्न कई संशयों को दूर करना चाहिए। यदि इस सौदे का फोरेंसिक ऑडिट किया जाए तो और ब्योरा सामने आएगा।