नई दिल्ली: पीएम मोदी ने चौरी-चौरा की घटना के सौ साल पूरे होने पर गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए किसान और बजट का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि दशकों से हमारे देश में बजट का मतलब बस इतना हो गया था कि किसीके नाम पर क्या घोषणा कर दी गई, बजट को वोट बैंक के हिसाब किताब का बही खाता बना दिया गया था। आप भी अपने घर में आने वाले खर्चों का लेखा-जोखा अपनी वर्तमान और भविष्य की जिम्मेदारियों के हिसाब से करते हैं, लेकिन पहले की सरकारों ने बजट को ऐसी घोषणाओं का माध्यम बना दिया था जो पूरी ही नहीं कर पाते थे, अब देश ने वो सोच बदल दी है एप्रोच बदल दी है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में भारत ने जिस तरह से इस महामारी से लड़ाई लड़ी है आज उसकी तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है, उन्होंने कहा-'हमारे टीकाकरण अभियान से भी दुनिया के कई देश सीख रहे हैं, अब देश का प्रयास है कि हर गांव कस्बे में भी इलाज की ऐसी व्यवस्था हो कि हर छोटी-मोटी बीमारी के लिए शहर की तरफ भागना न पड़े, इतना ही नहीं, शहरों में भी अस्पतालों में उपचार कराने में तकलीफ न हो, इसके लिए भी बड़े फैसले लिए गए हैं। अभी तक भी आपको अगर कोई बड़ा टेस्ट कराना होता है तो आपको अपने गांव से निकलकर शहर जाना पड़ता है आपको इन दिक्कतों से बचाने के लिए अब सभी जिलों में आधुनिक टेस्टिंग लैब बनेगी और जिले में ही चेकअप की व्यवस्था होगी। इसलिए देश ने बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र में भी पहले से काफी ज्यादा खर्च की व्यवस्था की है।
पीएम मोदी ने कहा-'साथियों, हमारे देश की प्रगति का सबसे बड़ा आधार हमारा किसान भी रहा है चौरी-चौरा के संग्राम में तो किसानों की बहुत बड़ी भूमिका थी, किसान आगे बढ़ेंगे, आत्मनिर्भर बनें, इसके लिए 6 सालों में किसानों के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं, इसका परिणाम देश ने कोरोना काल में देखा भी है, महामारी की चुनौतियों के बीच भी हमारा कृषि क्षेत्र मजबूती से आगे बढ़ा और किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन करके दिखाया, किसान अगर और शसक्त होगा तो किृषि क्षेत्र में प्रगति और तेज होगी। इसके लिए बजट में कई कदम उठाए गए हैं>
पीएम मोदी ने कहा कि मंडियों किसानों के फायदों का बाजार बने इसके लिए 1000 और मंडियों को ईनाम से जोड़ा जाएगा, मंडी में जब किसान अपनी फसल बेचने जाएगा तो उसे और आसानी होगी वह अपनी फसल कहीं भी बेच सकेगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के लिए इंफ्रा फंड को बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रुपए किया गया है, इसका भी सीधा लाभ किसान को होगा, सब फैसले हमारे किसान को आत्मनिर्भर बनाएंगे और कृषि को लाभ का व्यापार बनाएंगे।