Highlights
- कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी और सिंधिया को हाथ में गंगाजल लेकर बोलना चाहिए कि वे एयरपोर्ट को नहीं बेचेंगे।
- गौरव वल्लभ ने ‘जिन्ना के अनुयायियों’ से जुड़े मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर भी निशाना साधा।
- कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जसवंत सिंह ने अपनी किताब में लिखा था कि जिन्ना हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक थे।
नयी दिल्ली: कांग्रेस ने दिल्ली के निकट गौतमबुद्ध नगर के जेवर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला रखे जाने के बाद गुरुवार को उन पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें और नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को हाथ में गंगाजल लेकर बोलना चाहिए कि वे इस एयरपोर्ट को नहीं बेचेंगे। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, ‘मैं तो सिर्फ एक ही बात सरकार से चाहता हूं कि मोदी जी और उनके नागर विमानन मंत्री महाराजा जी, दोनों गंगा मैया के पानी को हाथ में रखें और बोलें कि इस एयरपोर्ट को हम नहीं बेचेंगे।’
‘आडवाणी से जिन्ना के बारे में पूछना चाहिए’
गौरव ने जोर देकर कहा, ‘अगर वे लोग यह बात बोल दें तो मैं उन दोनों को नमस्कार करूंगा और मानूंगा कि ये महत्वपूर्ण एयरपोर्ट है।’ वल्लभ ने ‘जिन्ना के अनुयायियों’ से जुड़े मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान को लेकर उन पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अपने वरिष्ठ नेता लालकृषण आडवाणी से जिन्ना के बारे में पूछना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘आज तक हिंदुस्तान का कौन सा नेता जिन्ना की मजार पर गया? मैंने तो एक ही व्यक्ति को देखा और वह हैं बीजेपी के संस्थापक, मार्गदर्शक मंडल के वरिष्ठ सदस्य लालकृष्ण आडवाणी जी।’
‘जिन्ना हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक थे’
गौरव ने कहा, ‘आडवाणी वहां गए थे और लिखा था जिन्ना बहुत बड़े धर्मनिरपेक्ष थे। जसवंत सिंह ने अपनी किताब में लिखा था कि जिन्ना हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक थे। मैं तो यह कहूंगा कि योगी जी जिन्ना के बारे में आडवाणी जी से परामर्श लें।’ योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए गुरुवार को कहा कि देश को यह फैसला करना होगा कि गन्ने की मिठास बढ़ेगी या ‘पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के अनुयायी उत्पात मचाएंगे।’
अखिलेश के बयान की बीजेपी नेताओं ने की आलोचना
योगी ने जेवर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘कुछ लोगों ने गन्ने की मिठास को कड़वाहट में बदल कर यहां दंगों की एक श्रृंखला खड़ी की थी। आज देश को फैसला करना है कि क्या वह गन्ने की मिठास बढ़ाएगा या जिन्ना के अनुयायियों को फिर दंगा करने की अनुमति देगा।’ सपा नेता अखिलेश यादव ने पिछले महीने जिन्ना की तुलना महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल और पंडित जवाहरलाल नेहरू से करते हुए कहा था कि उन सभी ने देश को स्वतंत्र कराने में योगदान दिया। उनके इस बयान की बीजेपी समेत कई दलों ने आलोचना की थी।