अहमदाबाद: अहमदाबाद में आज भारत और इज़रायल ने दोस्ती की नई इबारत लिखी। मेजबान नरेंद्र मोदी अपने मेहमान इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को साबरमती आश्रम लेकर गए। यहां दो दोस्तों ने पतंग उड़ाई। नेतन्याहू ने दोस्ती का चरखा भी चलाया। आसमान में उड़ रही पतंग पूरी दुनिया को बता रही थी कि भारत और इज़राइल की दोस्ती लगातार मजबूत हो रही है।
मोदी-नेतन्याहू की दोस्ती की पतंग
दोपहर करीब 12 बजे मेजबान मोदी अपने मेहमान नेतन्याहू और उनकी पत्नी को लेकर अहमदाबाद के साबरमती आश्रम पहुंचे। इज़रायली पीएम नेतन्याहू ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को नमन किया। दोस्ती का चरखा चलाया और फिर बापू के कमरे में जाकर उनके एतिहासिक चरखे से सूत कातने का गुर सीखा। इसके बाद दोनों ने पतंगबाजी का मजा भी लिया।
मोदी ने नेतन्याहू को सिखाए चरखा चलाने के गुर
पीएम मोदी के साथ साबरमती आश्रम पहुंचे नेतन्याहू और उनकी पत्नी सारा का यहां भव्य स्वागत हुआ। आश्रम के लोगों ने मेहमान को माला पहनाई। इजरायली पीएम ने बरामदे में लगी बापू की तस्वीर को माला पहनाकर नमन किया। बापू को नमन करने के बाद नेतन्याहू और उनकी पत्नी ने मिलकर दोस्ती का चरखा चलाया। मेहमान नेतन्याहू चरखा घुमा रहे थे और मेजबान मोदी उन्हें इसे चलाने का गुर सिखा रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी बता रहे थे कि आखिर बापू की जिंदगी और आजादी की लड़ाई में इस चरखे की अहमियत क्या थी।
दोस्ती का चरखा चालने के बाद पीएम मोदी नेतन्याहू दंपत्ति को बापू के असली चरखे के पास ले गए। ये वो चरखा, जिससे खुद महात्मा गांधी सूत कातते थे। प्रधानमंत्री ने अपने मेहमानों को चरखे का ऐतिहासिक महत्व बताया। नेतन्याहू इतने प्रभावित हुए कि उनका हाथ बरबस ही चरखा घुमाने लगा।
दोनों नेताओं ने सत्य, अहिंसा और शांति के सबसे बड़े दूत को किया याद
इसके बाद मेहमान और मेजबान ने साथ मिलकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नमन किया। सत्य, अहिंसा और शांति के सबसे बड़े दूत को याद किया और इसके बाद शुरू हुई दोस्ती की पतंगबाजी। मेहमान ने पतंग उड़ाया और मेजबान ने उन्हें पतंग उड़ाने का गुर सिखाया।
आखिर में इजरायल के प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी ने रजिस्टर में संदेश लिखा। इस तरह से पीएम मोदी और नेतन्याहू ने साबरमती आश्रम में दोस्ती और मजबूत रिश्तों की नई इबारत लिख दी है।