नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसदों सहित जन प्रतिनिधि संसद की कार्यवाही नहीं चलने देने में कांग्रेस की भूमिका के विरोध में कल एकदिवसीय उपवास रखेंगे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उसी दिन चुनावी राज्य कर्नाटक के हुबली में धरना देंगे। प्रधानमंत्री ने आज भारतीय जनता पार्टी के सांसदों, विधायकों से आडियो ब्रिज के माध्यम से संवाद के दौरान कहा, ‘‘ संसद को बंधक बना कर जिन्होंने लोकतंत्र का गला घोंटने का अपराध किया और राजनैतिक अहंकार एवं सत्ता की भूख से प्रेरित होकर देश को आगे नहीं बढ़ने दिया और संसद को चलने नहीं दिया.... हम उन मुट्ठीभर लोगों की मानसिकता को देश के लोगों के समक्ष उजागर करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि 12 अप्रैल को भाजपा के सभी जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता देश भर में उपवास करेंगे। केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा वाराणसी और रविशंकर प्रसाद पटना में उपवास रखेंगे। राजनाथ सिंह और धर्मेन्द्र प्रधान दिल्ली में, निर्मला सीतारमण चेन्नई में, प्रकाश जावडेकर बेंगलूरू में, एम जे अकबर विदिशा और के जे एलफांस केरल में उपवास करेंगे।
12 अप्रैल को उपवास रखने की घोषणा 6 अप्रैल को बीजेपी के 38वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम के दौरान की गई थी। जहां प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि बीजपी सबको साथ लेकर चलने की राजनीति कर रही है जबकि विपक्षी दल लोगों को बांटने की नकारात्मक राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि बीजेपी की बढ़ती हुई ताकत से विपक्षी दल परेशान हैं।
विपक्षी दलों द्वारा दलितों के विरोध प्रदर्शन पर सरकार को निशाना बनाए जाने पर पीएम मोदी ने कहा था कि बीजेपी के सांसद और अन्य नेता 14 अप्रैल से लेकर 5 मई के बीच 20,844 गांवों जहां एससी-एसटी की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है, वहां एक रात बिताएंगे और उन्हें केंद्र द्वारा उनके कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से अवगत कराएंगे।