नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति ने लोकपाल और उसके सदस्यों की नियुक्ति के लिए नामों की सिफारिश करने वाली एक खोज समिति के गठन पर आज बैठक की। अधिकारियों ने बताया कि बैठक में भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और पूर्व अटॉर्नी जनरल तथा वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी शामिल हुए।
बहरहाल, चयन समिति में ‘विशेष आमंत्रित’ सदस्य कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक में शामिल नहीं हुए। अधिकारियों ने बताया कि बैठक एक घंटे तक चली और इसमें खोज समिति के गठन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई।
खड़गे ने प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में कहा कि वह लोकपाल की नियुक्ति के लिए बैठक में तब तक भाग नहीं लेंगे जब तक सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को समिति का पूर्ण सदस्य नहीं बनाया जाता। खड़गे ने यह भी कहा कि लोकपाल के रूप में चयनित कोई भी सम्मानित व्यक्ति विपक्ष की राय पर विचार किए बिना इस चयन समिति द्वारा की गई नियुक्ति को स्वीकार नहीं करेगा।
उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, "सूचना का अधिकार अधिनियम और व्हिस्लबलोअर अधिनियम को कमजोर करने के सरकार के हालिया कार्यो से भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए कानून मजबूत करने और आम आदमी को सशक्त बनाने के स्थान पर सरकार के इरादे का पता चलता है।"