नयी दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उच्चतम न्यायालय में सरकार के राफेल मामले से जुड़े हलफनामे को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और दावा किया कि मोदी ने वायुसेना से पूछे बिना कॉन्ट्रैक्ट बदलने की बात स्वीकार कर ली है।
गांधी ने ट्वीट कर कहा, '' उच्चतम न्यायालय में मोदी जी ने मानी अपनी चोरी। हलफ़नामे में माना कि उन्होंने बिना वायुसेना से पूछे कांट्रैक्ट बदला और 30,000 करोड़ रूपया अंबानी की जेब में डाला।'' उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ''पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त...।''
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी पिछले कई महीनों से यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में विमानों की दर को लेकर बनी सहमति की तुलना में बहुत अधिक है। इससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
पार्टी ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया और एचएएल से ठेका लेकर रिलायंस डिफेंस को दिया गया। सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
इससे पहले दसॉल्ट के सीईओ इरिक ट्रैपियर ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि वो कभी झूठ नहीं बोलते। राफेल पर दिए गए पहले और बाद के सभी बयान बिल्कुल सच्चे हैं। ट्रैपियर ने आगे कहा कि अनिल अंबानी की कंपनी का चुनाव खुद दसॉल्ट ने किया है। रिलायंस के अलावा दसॉल्ट के तीस अन्य भी बिजनेस पार्टनर हैं।
ट्रैपियर से जब पूछा गया कि राहुल गांधी ने दसॉ के अनिल अंबानी ग्रुप के साथ समझौते को लेकर उनपर झूठ बोलने का आरोप लगाया है तो एरिक ट्रैपियर ने कहा, "मैं झूठ नहीं बोलता। मैंने जो भी बयान दिए वे सच हैं। मेरी प्रतिष्ठा झूठ बोलने वाले की नहीं है। सीईओ के तौर पर मेरी स्थिति में आप झूठ नहीं बोल सकते।"