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'माफी मांगें तो निलंबन वापसी पर हो सकता है विचार', राज्यसभा में लीडर ऑफ हाउस पीयूष गोयल का बयान

मानसून सत्र में घटना और उसके बाद शीतकालीन सत्र में कार्रवाई को सही ठहराते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि 11 अगस्त को मानसून सत्र का अंतिम दिन था और उसी दिन विपक्षी सदस्यों में सबसे ज्यादा हंगामा किया था। उन्होंने कहा कि सदन क्योंकि हमेशा चलने वाला संस्थान है, ऐसे में स्वाभाविक था कि शीत सत्र के पहले दिन सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 30, 2021 14:45 IST
राज्यसभा में लीडर ऑफ...- India TV Hindi
Image Source : SANSAD TV राज्यसभा में लीडर ऑफ हाउस पीयूष गोयल

Highlights

  • राज्यसभा से निलंबित सदस्यों को लेकर लीडर ऑफ हाउस का बयान
  • माफी मांगें तो निलंबन वापसी पर हो सकता है विचार-पीयूष गोयल
  • सोमवार को राज्यसभा से विपक्ष के 12 सांसदों को किया गया है निलंबित

नई दिल्ली। राज्यसभा में खराब बर्ताव के लिए विपक्षी दलों के 12 के निलंबन को रद्द करने के लिए सदन विचार कर सकता है बशर्ते सभी 12 सांसद अपने बर्ताव के लिए चेयर और सदन से माफी मांगें, राज्यसभा में लीडर ऑफ हाउस पीयूष गोयल ने यह बयान दिया है। पीयूष गोयल ने बताया कि सांसदों के निलंबन का फैसला सदन का है न कि चेयर का और अगर सदन के निलंबित सदस्य अपने बर्ताव के लिए माफी मांगते हैं तो सदन भी निलंबन वापसी पर विचार कर सकता है।  

पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि जो सदस्य यह कह रहे हैं कि सरकार के पास सदन में बहुमत नहीं है, और इसी वजह से विपक्ष के सांसदों को निलंबित किया गया है तो वे भी सदन में आकर किसी भी विषय पर डिविजन की मांग कर सकते हैं, डिविजन के बाद पता चल जाएगा कि विपक्ष के साथ कितने सांसद हैं और सत्तापक्ष के साथ कितने। 

सदस्यों के खराब व्यव्हार के बाद हुए निलंबन पर पीयूष गोयल ने कहा, "सदन का निर्णय है कि 12 सांसद निलंबित हों, लेकिन मैं यह भी कहना चाहूंगा कि पूरा सदन चाहता है कि सब हमारे सदस्य भाई बहन आएं और कार्रवाई अच्छी तरह से चले, वो माफी मांगे, गलती किसी से भी हो सकती है और बड़प्पन इसी में है कि उस गलती का पश्चाताप करें, सरकार भी तैयार है इसपर फिर विचार के लिए, लेकिन सदस्यों को क्षमा मांगनी होगी, वह भी सिर्फ चेयर की नहीं बल्कि पूरे सदन और देश से मांगनी चाहिए।" 

मानसून सत्र में घटना और उसके बाद शीतकालीन सत्र में कार्रवाई को सही ठहराते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि 11 अगस्त को मानसून सत्र का अंतिम दिन था और उसी दिन विपक्षी सदस्यों में सबसे ज्यादा हंगामा किया था। उन्होंने कहा कि सदन क्योंकि हमेशा चलने वाला संस्थान है, ऐसे में स्वाभाविक था कि शीत सत्र के पहले दिन सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई। 

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