नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की उपलब्धता के मुद्दे पर शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निशाने पर लिया। गोयल ने कहा कि देश में अब तक महाराष्ट्र को सबसे अधिक मात्रा में ऑक्सीजन मिली है और केंद्र राज्य की जरूरतों का आकलन करने राज्य सरकारों के साथ नियमित संपर्क में है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा, ‘महाराष्ट्र अक्षम एवं भ्रष्ट सरकार से जूझ रहा है एवं केंद्र लोगों की खातिर हर संभव श्रेष्ठ प्रयास कर रहा है। महाराष्ट्र के लोग ‘माझा कुटुम्ब, माझी जवाबदारी’ का पालन कर रहे हैं। अब यही समय है कि मुख्यमंत्री ‘ माझा राज्य, माझी जवाबदारी’ की भावना से अपने कर्तव्यों का पालन करें।’
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में ठाकरे ने कहा था कि राज्य में चिकित्सा ऑक्सीजन जरूरत वर्तमान में दैनिक 1200 मीट्रिक टन से इस माह के आखिर तक दैनिक 2000 मीट्रिक टन तक पहुंच जाने का अनुमान है। तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की ढुलाई में आने वाली साजो-सामान संबंधी बाधाओं का हवाला देते हुए ठाकरे ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत देश के पूर्वी एवं दक्षिणी हिस्सों के इस्पात संयंत्रों से विमानों से ऑक्सीजन की ढुलाई की अनुमति मांगी थी। चिकित्सा श्रेणी वाली ऑक्सीजन का इस्तेमाल कोविड-19 के गंभीर मरीजों एवं अन्य श्वसन रोगों के उपचार के लिए किया जाता है।
गोयल ने अपने ट्वीट में कहा कि देश में अब तक महाराष्ट्र को सबसे अधिक मात्रा में ऑक्सीजन मिली है और केंद्र राज्य की जरूरतों का आकलन करने तथा यथासंभव सहायता पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों के साथ नियमित संपर्क में है। शुक्रवार का गोयल ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने अपनी समीक्षा में कहा कि संकट की इस घड़ी में केंद्र एवं राज्यों को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘इस पृष्ठभूमि में, उद्धव ठाकरे के कार्यालय द्वारा की जा रही राजनीति से दुखी और चकित हूं। उन्हें यह निर्लज्ज राजनीति की दैनिक खुराक बंद करनी चाहिए एवं जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’
गोयल ने आगे कहा, ‘ऑक्सीजन पर उद्धव ठाकरे की चालबाजी से दुखी हूं। आफिस आफ यूटी (उद्धव ठाकरे के कार्यालय) की ऑक्सीजन पर तिकड़मों को देखकर दुखी हूं। GOI (भारत सरकार), सभी हितधारकों के साथ भारत में ऑक्सीजन का अधिकतम उत्पादन सुनिश्चित कर रही है। हम ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता का वर्तमान में 110 प्रतिशत उत्पादन कर रहे हैं और औद्योगिक उपयोग के लिए उपलब्ध सभी ऑक्सीजन को चिकित्सा उपयोग के लिए भेज रहे हैं।’