नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्रियों को उनके विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। नई सरकार में रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी पीयूष गोयल को दी गई है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली पहली केंद्र सरकार में भी गोयल रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। रेल मंत्रालय के अतिरिक्त गोयल के पास पहले की ही तरह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी भी रहेगी।
कैबिनेट मंत्री बनने से पहले वह राज्यमंत्री एवं स्वतंत्र प्रभार के मंत्री के तौर पर ऊर्जा एवं कोयला समेत कई मंत्रालयों के काम देख रहे थे। मोदी सरकार के युवा चेहरों में गिने जाने वाले गोयल को एक तेज तर्रार मंत्री माना जाता है और वह अपने विभागों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए जाने जाते हैं। ऊर्जा मंत्री के तौर पर उनके काम के चलते उन्हें सरकार में काफी अहमियत मिली। उनके रेल मंत्री रहते हुए भारत की पहली इंजनलेस ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस पटरी पर उतरी थी।
पीयूष गोयल 13 जून 1964 को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में पैदा हुए थे। उनके पिता वेद प्रकाश गोयल वाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुके थे, जबकि मां चंद्रकांता गोयल महाराष्ट्र विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से 3 बार विधायक रह चुकी हैं। गोयल एक मेधावी छात्र रहे हैं और वह चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा में पूरे देश में दूसरे नंबर पर आए थे। उन्होंने येल, ऑक्सफर्ड और प्रिंसटन जैसे विश्वविद्यालयों के लीडरशीप प्रोग्राम में भी हिस्सा लिया है। राजनीति में आने से पहले गोयल एक इन्वेस्टमेंट बैंकर थे।
पीयूष गोयल को 2010 में महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद चुना गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने 26 मई 2014 को उन्हें उर्जा एवं कोयला मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया और साथ ही नई और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री भी बनाया गया। गोयल को इसके बाद 3 सितंबर 2017 को रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई। पीयूष गोयल ने बतौर रेल मंत्री कम समय में ही शानदार परफॉर्मेंस दी और मोदी कैबिनेट के सबसे सफल मंत्रियों में गिने गए। वहीं, वित्त मंत्री अरुण जेटली की गैरमौजूदगी में गोयल ने कुछ समय तक वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभाली थी।