नई दिल्ली: संसद की कार्यवाही में बार बार व्यवधान पैदा किए जाने पर अफसोस प्रकट करते हुए राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने आज आगाह किया कि यदि यही प्रवृति बनी रही तो लोगों का नेताओं पर से विश्वास उठ जाएगा।
उन्होंने सदन में कोरम के अभाव पर चिंता प्रकट की और कहा कि कई मौकों पर उन्हें कोरम के लिए घंटियां बजानी पडी। उन्होंने संसद के केंद्रीय कक्ष में सांसदों और विधायकों के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र में कहा कि कोरम पूरा करने की जिम्मेदारी सरकार और विपक्ष दोनों की है।
नायडू ने बजट सत्र के दूसरे भाग के पहले सप्ताह के हंगामे की भेंट चढ़ जाने का जिक्र करते हुए कहा कि आसन के पास जो होता है, वह ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि यदि यही प्रवृति बनी रही तो लोगों का सांसदों और राजनीतिक वर्ग से विश्वास उठ जाएगा। यदि निर्वाचित प्रतिनिधि लोगों की समस्याओं का हल नही प्रदान करेंगे तो वे अपने कर्तव्य के पालन में विफल रहेंगे। उन्होंने सरकारों से विधानमंडल की बैठकों की संख्या बढ़ाने की अपील की।