जम्मू: जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद ने शुक्रवार को कहा कि भारत तथा पाकिस्तान के संबंध को आगे बढ़ाने के लिए शांति प्रक्रिया एकमात्र रास्ता है और तमाम हिचकिचाहट के बावजूद जारी रहनी चाहिए। उन्होंने दोपहर के भोजन के दौरान यहां मीडिया से कहा, "भारत तथा पाकिस्तान संबंध को आगे बढ़ाने के लिए शांति प्रक्रिया एकमात्र तरीका है और यह हिचकिचाहट के बीच भी जारी रहनी चाहिए।"
सईद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीन दौरा स्वागतयोग्य कदम है, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध की राह तैयार करेगी।
उन्होंने कहा, "इस तरह की पहल जम्मू एवं कश्मीर की जनता को फायदा पहुंचाएगी।"
सईद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षेस और विश्व के नेताओं से मिल रहे हैं और हर किसी को ऐसे कदम का स्वागत करना चाहिए।
उन्होंने सरकार के कामकाज के बारे में कहा, "मेरी सरकार एक जून को 90 दिन पूरी करेगी। मैं बड़े-बड़े दावे करने में यकीन नहीं करता। मेरी प्राथमिकता सुशासन, पारदर्शिता, भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान और राज्य में पंचायती राज को मजबूत करना है।"
सईद ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में पर्यटन भरोसे का क्षेत्र है और मौसम की वजह से पर्यटकों की आवक प्रभावित होती है।
उन्होंने कहा, "जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग खराब मौसम के कारण प्रभावित हुआ था। पर्यटकों को इससे परेशानी होती है। अमरनाथ यात्रा बारिश के मौसम में होता है और इस दौरान पर्यटक अपने पसंद के स्थान नहीं जा सकते।"
सईद ने कहा कि उनकी सरकार का ध्यान आधारभूत संरचना और जम्मू की अन्य सुविधाओं पर है।
उन्होंने कहा, "हमारी जम्मू शहर के लिए 18 होल वाले गोल्फ कोर्स बनाने की योजना है। अगर गुलमर्ग गैंडोला हो सकता है, तो जम्मू शहर में रोपवे क्यों नहीं हो सकता? हम जम्मू में रोपवे बिछाने के काम में उसी कंपनी को लगा सकते हैं, जिसने बारामुला जिले में गैंडोला परियोजना का निर्माण किया है।"
सईद ने सांबा जिले में निर्मित होने वाले आईआईटी के बारे में भी बात की।
उन्होंने जम्मू की जगह कश्मीर घाटी में एम्स के स्थापित होने पर पूछे गए सवाल पर कहा कि उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा कि जम्मू क्षेत्र को आईआईटी मिला, जबकि केंद्र सरकार ने घाटी को एम्स दिया है।
निर्मल सिंह ने कहा कि जम्मू क्षेत्र के सभी अस्पतालों को पूरी तरह विकसित किया जाएगा और उसमें सभी सुविधाएं दी जाएंगी।
उन्होंने कहा, "हमने एम्स का मुद्दा केंद्र सरकार के सामने उठाया है। संभवत: जम्मू क्षेत्र को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एम्स से भी बेहतर कुछ मिलेगा।"