गुजरात में पाटीदारों को लेकर सियासी पारा गर्म है. पाटीदारों के समर्थन और विरोध को लेकर अब सड़कों पर जंग होने लगी है. सूरत में बीजेपी के कार्यकर्ता और हार्दिक पटेल के समर्थकों में झड़प हो गई. ख़बरों के मुताबिक़ बीजेपी के कार्यकर्ता वराछा इलाके में प्रचार करने गए थे लेकिन हार्दिक के समर्थकों ने उन्हें प्रचार करने से रोकने की कोशिश की. गुजरात विधानसभा चुनाव में मुख्य जंग बीजेपी बनाम कांग्रेस की है लेकिन कांग्रेस से मुकाबला करने से पहले बीजेपी को हार्दिक पटेल के पाटीदार आरक्षण समिति के कार्यकर्ताओं से दो-दो हाथ करना पड़ रहा है.
सूरत के पाटीदार बहुल वराछा इलाके में बीजेपी के स्थानीय विधायक जनक पटेल का स्थानीय लोगों ने स्वागत भी किया. लेकिन इसके बाद बीजेपी विधायक और कार्यकर्ता जैसे ही आगे बढ़े उनका सामना पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के कन्वीनर हार्दिक पटेल के समर्थकों से हो गया और सूरत की ये सड़क ही जंग का मैदान बन गई. पुलिस ने हंगामा कर रहे हार्दिक पटेल के सात समर्थकों को हिरासत में लिया जिसे लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और हार्दिक समर्थकों ने थाने का घेराव किया और नारेबाजी भी की. पाटीदार समाज के लोगों को हिरासत में लिए जाने के विरोध में कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने पुलिसववालों पर चूड़ियां भी फेंकी और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की.
बीजेपी के कार्यकर्ता अंदर जाकर प्रचार करना चाहते थे लेकिन हार्दिक पटेल के समर्थकों ने उनका विरोध शुरू कर दिया. उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं को प्रचार करने से रोकने की कोशिश की. इन लोगों ने बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी की और जय पाटीदार के नारे लगाए.
दरअसल पाटीदार आंदोलन के समय पुलिस की कार्रवाई को लेकर कई जगहों पर पटेल समाज के लोग बीजेपी से नाराज बताए जाते हैं. आरक्षण के लिए आंदोलन शुरू करने वाले हार्दिक पटेल भी खुलकर बीजेपी के खिलाफ आ गए हैं. यही वजह है कि बीजेपी के कार्यकर्ता पटेल बहुल जगहों पर जहां-जहां भी प्रचार के लिए जा रहे हैं, हार्दिक के समर्थक बीजेपी का विरोध कर रहे हैं हालांकि बीजेपी का कहना है कि विरोध करने वाले दरअसल पाटीदार नेता नहीं कांग्रेस के समर्थक हैं.
गुजरात में पाटीदारों का वोट पिछले करीब तीन दशक से बीजेपी को मिलता रहा है लेकिन पाटीदार आरक्षण आंदोलन और हार्दिक पटेल के उभार के बाद कई जगहों पर पाटीदार बीजेपी के खिलाफ बताए जा रहे हैं. कांग्रेस पाटीदारों को अपने साथ जोड़ने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है लेकिन आरक्षण के सवाल पर कांग्रेस ने अभी तक खुलकर कोई फॉर्मूला नहीं दिया है.