नयी दिल्ली: संसद में आज दूसरे दिन भी हंगामे के आसार हैं। विपक्ष पेगसस जासूसी, किसान आंदोलन और अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर राय ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत पेगासस 'जासूसी' मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। पार्टी ने सोमवार को यह जानकारी दी। विपक्षी दलों ने सोमवार को, इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का उपयोग कर देश में प्रमुख हस्तियों की कथित फोन टैपिंग को लेकर सरकार पर निशाना साधा और एक स्वतंत्र न्यायिक जांच या संसदीय समिति की जांच की मांग की।
नियम 267 के तहत नोटिस
पार्टी ने कहा, ''तृणमूल के सुखेंदु शेखर राय ने पेगासस मामले पर (नियम) 267 के तहत नोटिस दिया है।'' नियम 267 विपक्षी सांसदों को उच्च सदन में नियमित कामकाज को रोककर किसी ज्वलंत मुद्दे पर चर्चा करने के लिए लिखित नोटिस देने का अवसर देता है। एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने रविवार को बताया कि भारत में दो मौजूदा मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित 300 से अधिक सत्यापित मोबाइल फोन नंबरों को स्पाइवेयर के माध्यम से हैकिंग के लिये कथित रूप से निशाना बनाया गया है।
नए मंत्रियों का परिचय कराने के दौरान हंगामा
इससे पहले कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लोकसभा में मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय कराने के दौरान विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया जिसके बाद प्रधानमंत्री ने कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है कि दलित, आदिवासी, ओबीसी और महिला मंत्रियों का यहां परिचय कराया जाए। संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन नये मंत्रियों का सदन में परिचय देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जैसे ही खड़े हुए, विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से शांत होने और मंत्रियों का परिचय होने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘परंपराओं को न तोड़ें। आप लंबे समय तक शासन में रहे हैं। आप परंपरा को तोड़कर सदन की गरिमा को कम नहीं करें। इस सदन की गरिमा को बनाए रखें।
राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित
उधर, विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही बार बार बाधित हुयी और अंतत: तीन बजकर करीब 20 मिनट पर बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और उन्होंने अपने अपने मुद्दे उठाने के प्रयास किए। लेकिन उपसभापति हरिवंश ने उन्हें अनुमति नहीं दी और कहा कि सभापति ने इस संबंध में फैसला दे दिया है और उस पर पुनर्विचार नहीं किया जा सकता।
हंगामे के बीच सदन में पोत एवं पत्तन मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने नौचालन के लिये सामुद्रिक सहायता विधेयक 2021 चर्चा के लिए सदन में पेश किया। विधेयक पर हुयी चर्चा में कुछ सदस्यों ने भाग भी लिया लेकिन शोरगुल के कारण उनकी बात ठीक से सुनी नहीं जा सकी। उपसभापति ने आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने और चर्चा में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कोविड नियमों का पालन करने की भी अपील की। लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा और उन्होंने तीन बजकर करीब 20 मिनट पर बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
इनपुट-भाषा