नई दिल्ली: पैराडाइज पेपर्स के खुलासे पर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने किसी भी ‘निजी उद्देश्य’ से लेन-देन नहीं किया। उन्होंने यह सफाई टैक्स से बचने के लिए कर पनाहगाह वाले देशों से संबंधित लीक हुए पैराडाइज दस्तावेजों में अपना नाम आने पर दी। पैराडाइज दस्तावेजों की जांच पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक सिन्हा भारत में ओमिदयार नेटवर्क के प्रबंध निदेशक रहे हैं और ओमिदयार नेटवर्क ने अमेरिकी कंपनी डी. लाइट डिजाइन में निवेश किया था। डी. लाइट डिजाइन की केमैन द्वीप में अनुषंगी कंपनी है।
सिन्हा ने सोमवार को किए गए एक के बाद एक कई ट्वीट्स में कहा कि लेन-देन वैध और प्रमाणिक हैं। नागर विमानन राज्य मंत्री सिन्हा ने कहा कि मेरी जिम्मेदार भूमिका में यह लेन-देन दुनिया के प्रतिष्ठित संगठनों की ओर से किए गए और यह कार्य ओमिदयार नेटवर्क में सहयोगी और इसकी ओर से डी. लाइट डिजाइन के निदेशक मंडल में नामित प्रतिनिधि के तौर पर किए गए। उन्होंने कहा, ‘यह गौर करने की बात है कि यह लेनदेन डी. लाइट डिजाइन के लिए ओमिदयार के प्रतिनिधि के तौर पर किए गए, ना कि किसी निजी उद्देश्य के लिए।’ केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा पहले एक वेंचर कैपटलिस्ट के तौर पर कार्य करते थे।
उन्होंने कहा कि इन सभी लेनदेनों को आवश्यक नियामकीय जानकारियों के तहत संबद्ध प्राधिकारियों के समक्ष सार्वजनिक ही रखा गया था। सिन्हा ने कहा, ‘ओमिदयार नेटवर्क को छोड़ने के बाद मुझसे डी. लाइट डिजाइन के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक बने रहने के लिए कहा गया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के बाद मैंने डी. लाइट डिजाइन के निदेशक मंडल से तत्काल इस्तीफा दे दिया था और कंपनी से अपने संबंध तोड़ दिए थे।’ सिन्हा पहले वित्त राज्य मंत्री थे। पैराडाइज दस्तावेज विदेशों में टैक्स बचाने के लिए किए गए निवेश या बैंकों में जमा संपत्ति की जांच से संबंधित हैं।