पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने गुरुवार को पार्टी सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा, "पार्टी ने पिछले माह पप्पू यादव को उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कारण बताओ नोटिस दिया था जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है।"
पार्टी नेताओं के मुताबिक, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद पप्पू यादव द्वारा बार-बार दिए जा रहे उन बयानों से आहत थे, जो न केवल पार्टी विरोधी थे, बल्कि पार्टी प्रमुख की राजनीति को भी चुनौती दे रहे थे।
पप्पू यादव ने फरवरी में कहा था कि वह पार्टी में लालू प्रसाद के बाद राजद प्रमुख की जगह लेंगे।
वह जनता परिवार के विलय का भी खुलेआम विरोध कर चुके हैं।
पिछले कुछ सप्ताह में पप्पू यादव ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से मुलाकात की थी और लालू प्रसाद यादव और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपने अभिमान और अहम को भूलकर मांझी को नवगठित जनता परिवार में शामिल होने के लिए बुलाने की अपील की थी।
पप्पू यादव बिहार के मधेपुरा से लोकसभा सांसद हैं और उनकी पत्नी रंजीता रंजन सुपौल जिले से कांग्रेस पार्टी की सांसद हैं।
पटना उच्च न्यायालय ने 2013 में सबूतों के अभाव में 1998 में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता अजीत सरकार की हत्या के मामले में पप्पू यादव को बरी कर दिया था।
इस बीच पार्टी से निष्कासित किए जाने पर पप्पू ने कहा कि वे जनता के बीच हैं और जनता के बीच रहेंगे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में जाने के प्रश्न को सिरे से नकारते हुए कहा, "भाजपा में जाने का सवाल ही नहीं है। सामाजिक न्याय की कोशिश करते रहे हैं और और आगे भी करते रहेंगे।"