नई दिल्ली: महाराष्ट्र की बीजेपी नेता पंकजा मुंडे के पिता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे का आज जन्मदिन है और इसी मौके पर उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। पंकजा ने अपने समर्थकों से रैली में शामिल होने की अपील की थी। पंकजा ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा, 'मैं आज के बाद कोर कमिटी की सदस्य नहीं रहूंगी। मैं 26 जनवरी से मशाल लेकर महाराष्ट्र का दौरा करूंगी।' इस दौरान उन्होंने कहा, “लोग बोल रहे थे कि पांकजा पार्टी पर दबाव बना रही है किसी पद के लिए। बेईमानी मेरे खून में नहीं है। यह मेरी पार्टी है, मेरे पापा की पार्टी है। मैं पार्टी नहीं छोडूगी। अगर पार्टी चाहे तो मुझे छोड़ दे।“
पंकजा ने कहा, 'एक दिसंबर की पोस्ट के बाद 11 दिनों तक टीवी चैनल पर क्या चल रहा है सबने देखा। टीवी लगाओ तो संजय राउत दिखते हैं, 12 दिन तक सब मेरे बारे में बोल रहे थे। सूत्रों के हवाले से खबर चला रहे थे, लेकिन तब सूत्र कहां गए थे जब फडणवीस और अजित पवार ने शपथ ली थी?'
पंकजा के भाषण में विधानसभा चुनावों में अपने चचेरे भाई और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे से मिली हार की टीस साफ दिख रही थी। उन्होंने कहा, 'यहीं मैदान में मुंडे साहब को मुखाग्नि दी गई थी। गोपीनाथ ने कभी किसी की पीठ में खंजर नहीं घोंपा। मैं चुनाव के एक दिन पहले तक दूसरे उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रही थी। पार्टी द्वारा जाहिर सीएम उम्मीदवार के लिए एक-एक विधायक चुना जाए, इसके लिए मैं काम कर रही थी।'
महाराष्ट्र में नई सरकार बनने के साथ ही पंकजा मुंडे ने ये ऐलान कर दिया था कि वो 12 दिसंबर की सभा में अपने समर्थको के सामने कोई बड़ा ऐलान कर सकती है। अपनी चुनावी हार और आगे की रणनीति पर भी चर्चा करेंगी पंकजा लेकिन वो क्या ऐलान करेंगी इस पर सबकी नजरें होंगी।
माना जा रहा है पंकजा मुंडे के साथ महाराष्ट्र बीजेपी के दिग्गज नेता एकनाथ खडसे भी रैली को संबोधित करेंगे। एकनाथ खडगे ने पार्टी के कुछ नेताओं से अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुके है। इससे पहले एकनाथ खडसे सीएम उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भी मिल चुके है। इस तरह हालिया घटनाक्रम को देखा जाए तो राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी कलह से जूझ रही है।
इससे पहले मुंडे ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में कुछ नेताओं को टिकट नहीं देने का फैसला राज्य स्तर पर लिया गया और देवेन्द्र फडणवीस को चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेनी चाहिये।
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने पहले कहा था कि उनके कुछ सहयोगियों को टिकट नहीं देने का निर्णय पार्टी की केंद्रीय समिति ने लिया गया था। मुंडे ने कहा, "टिकट न देने का फैसला दिल्ली में नहीं बल्कि यहां महाराष्ट्र में लिया गया। पार्टी का जैसा भी प्रदर्शन रहा, देवेन्द्र फडणवीस को उसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिये।"