नई दिल्ली: त्रिपुरा में लेफ्ट की करारी शिकस्त के बाद पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार अपनी पत्नी संग पार्टी के दफ्तर में रहेंगे। सीपीएम के दफ्तर के ऊपर दो कमरों का फ्लैट है जहां माणिक अपनी पत्नी संग रहेंगे। गौरतलब है कि माणिक सरकार की छवि देश के सबसे गरीब मुख्यमंत्री के तौर पर रही। वो अपनी सैलेरी का ज्यादातर हिस्सा पार्टी को समर्पित कर देते थे। उनकी पत्नी सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारी हैं। माणिक सरकार के पास खुद का घर नहीं है लेकिन उन्होंने विधायकों को मिले आवास में रहना पसंद नहीं किया।
माणिक ने अपना पैतृक आवास अपनी बहन को दान कर दिया है। त्रिपुरा सीपीएम के सेक्रटरी बिजन धर ने बताया कि पार्टी दफ्तर में न्यूनतम जरूरत की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह कोई अपवाद नहीं है। हमारे ज्यादातर नेता सादा जीवन जीते हैं। सरकार पहले भी पार्टी दफ्तर में रह चुके हैं। एक तरफ जहां कुछ पूर्व मंत्री विधायक आवासों में शिफ्ट हो रहे हैं, दूसरी तरफ 3 अन्य विधायक- माणिक डे, नरेश जमातिया और मणिंद्र रिएंग अपने-अपने गांव लौट गए हैं।
त्रिपुरा की कमान संभालने जा रहे बिप्लब देब ने कहा है कि माणिक सरकार को सरकारी आवास और दूसरी सुविधाएं पाने का हक है। विपक्ष के नेता को कैबिनेट स्तर की सुविधाएं मिलती हैं। उनके लिए सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
बता दें कि बतौर मुख्यमंत्री, माणिक सरकार की संपत्ति देश के अन्य मुख्यमंत्रियों के मुकाबले बेहद कम थी। वह न सिर्फ अपनी सैलेरी का ज्यादा हिस्सा पार्टी को दान कर देते थे बल्कि सरकार द्वारा मिलने वाली ज्यादातर सुविधाएं भी नहीं लेते थे। सरकार की पत्नी जमीन जायदाद की मालिक हैं लेकिन जमीन एक बिल्डर को सौंपे जाने से मामला विवादों में घिर गया। वहां निर्माणधीन इमारत का काम अभी पूरा नहीं हुआ है।