तिरुवनंतपुरम: शिवसेना की केरल इकाई ने शनिवार को चेतावनी दी कि प्रदेश के साबरीमाला मंदिर में अगर 10 से 50 साल तक की महिलाओं को प्रवेश दिलाई जाएगी तो उनके सदस्य सामूहिक आत्महत्या करेंगे। शिवसेना के वरिष्ठ नेता पी. अजी ने आईएएनएस से बातचीत में यहां कहा कि आत्मघाती दस्ते में 50 से अधिक पुरुष और महिलाएं शामिल होंगे, जो परम त्याग के लिए तैयार हैं। अजी ने चेतावनी देते हुए कहा कि मंदिर के भीतर और बाहर विभिन्न स्थानों पर हमारे सदस्य तैनात हैं। अगर किसी महिला को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी तो दस्ते के सदस्य अपनी जान दे देंगे।
शिवसेना की चेतावनी देने से पहले शनिवार को लैंगिक समानता की पैरोकार व कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने शनिवार को कहा कि उन्होंने जल्द ही मंदिर जाने का फैसला लिया है। अजी ने कहा, "हम चाहते हैं कि मंदिर की परंपरा और संस्कृति की रक्षा हो और यही हमारी मांग है। हमारे सैकड़ों कार्यकर्ता 17 अक्टूबर को मंदिर पहुंचेंगे और प्रसिद्ध मंदिर के सभी प्रवेश द्वारों की सुरक्षा में जुटेंगे।"शिवसेना की इस चेतावनी के बाद सब की निगाहें मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अगुवाई वाली सरकार के कदमों पर होंगी कि राज्य सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करेगी।
साबरीमाला मंदिर में प्राचीन काल से ही 10 से 50 साल उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। इस परंपरा के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय ने 28 अक्टूबर को आदेश दिया था। इस बीच कोल्लम जिले में पुलिस ने अभिनेता कोल्लम तुलसी के खिलाफ शीर्ष अदालत के आदेश के विरुद्ध बयान देने के लिए मुकदमा दर्ज किया है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की एक जनसभा में कहा, "साबरीमाला मंदिर आने वाली महिलाओं को दो टुकड़ों में फाड़कर एक टुकड़ा दिल्ली और दूसरा मुख्यमंत्री कार्यालय में फेंक देना चाहिए।" हालांकि अपने बयान के लिए उन्होंने बाद में माफी मांगते हुए कहा कि उनका अभिप्राय किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था।