चेन्नई: अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन की पार्टी मक्कल निधि मय्यम (MNM) किसी भी चीज पर पूर्ण रूप से रोक लागू करने में विश्वास नहीं रखती है क्योंकि इससे और ज्यादा हानि हो सकती है। उन्होंने कहा कि पार्टी चुनावी रेवड़ियां बांटने में भी विश्वास नहीं रखती है। कमल ने कहा, ‘सवाल यह है कि शराब की दुकानों को इस तरह फैलने देने चाहिए या नहीं। हमें डाकखाने की तलाश में इधर-उधर घूमना पड़ता है लेकिन तमिलनाडु सरकार की शराब की दुकानों को ढूंढने के लिए आपको कही जाने की जरूरत नहीं है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।’
कमल का यह बयान उस वक्त आया है जब तमिलनाडु में बड़े विपक्षी दल राज्य में शराब की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। तमिल पत्रिका आनंद विकातन में अपने अंतिम स्तंभ में कमल ने गुरुवार को कहा कि यह संभव नहीं है कि समूचे समाज को शराब से नफरत करने के लिए राजी किया जाए। कमल ने कहा कि पूर्ण रूप से प्रतिबंध के परिणामस्वरूप माफिया का उदय होगा, जैसा कि दुनिया के इतिहास में पहले भी देखा गया है। उन्होंने कहा कि शराब पीना जुए जैसा नहीं है कि जिसे अचानक बंद किया जा सके।
कमल ने कहा कि मानव का शरीर शराब पीने से खुद को अचानक नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि शराब पीना कम किया जा सकता है लेकिन इस पूरी तरीके से रोकना संदेहात्मक है। उनके मुताबिक, महिला मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए राजनीतिक दल शराब पर प्रतिबंध लगाने का कार्ड खेलते हैं। कमल ने कहा कि स्कूलों के पास शराब की दुकानें खोलना एक खेल है, जो उनके लिए चिंताजनक है। चुनाव से पहले सरकार द्वारा बांटी जाने वाली चुनावी 'रेवड़ियों' पर कमल ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी अगर लोगों को अर्जन करने और सुकून से जीने के लिए एक स्थायी तरीका मिल जाए तो।