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नोटबंदी के फैसले पर विपक्ष का बीजेपी सरकार पर हमला, कहा RBI को शर्म आनी चाहिए

नोटबंदी का मामला एक बार फिर गरमा गया है। नोटबंदी के फ़ैसले के बाद एक बार फिर विपक्ष ने बीजेपी सरकार को घेरा है।

Written by: India TV News Desk
Published on: August 31, 2017 11:01 IST
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नई दिल्ली: नोटबंदी का मामला एक बार फिर गरमा गया है। नोटबंदी के फ़ैसले के बाद एक बार फिर विपक्ष ने बीजेपी सरकार को घेरा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ एक फीसदी प्रतिबंधित नोट वापस नहीं आ सके और आरबीआई के लिए यह शर्म की बात है। 

ग़ौरतलब है कि आरबीआई ने बुधवार को खुलासा किया है कि 500 रुपये और 1,000 रुपये के पुराने 99 फीसदी नोट वैधानिक तौर पर आरबीआई के पास लौट आए हैं। इस पर पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या नरेंद्र मोदी सरकार ने नोटबंदी का यह फैसला काले धन को सफेद करने के लिए लिया था।

वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट करके कहा कि नोटबंदी की वजह से कई लोगों की जान गई और आर्थ‍िक नुकसान भी हुआ। ऐसे में क्‍या प्रधानमंत्री अब इसकी जिम्‍मेदारी लेंगे?

लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने भी ट्वीट कर कहा कि 99 फीसदी नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ गए हैं, लेकिन इसकी वजह से सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई. कई लोगों की नौकरी छिन गई, देश मोदी सरकार के द्वारा किया गया ये एंटी नेशनल काम कभी नहीं भूल पाएगा।

चिदंबरम ने कई ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने कहा है कि आरबीआई के पास जितनी राशि वापस आई है, उससे कहीं अधिक लागत नए नोटों को छापने में लग गई।

चिदंबरम ने ट्वीट किया, "प्रतिबंधित किए गए 1,544,000 करोड़ रुपयों में से सिर्फ 16,000 करोड़ रुपये के नोट वापस नहीं आए, जो कुल प्रतिबंधित राशि का एक फीसदी है। नोटबंदी की सिफारिश करने वाली आरबीआई के लिए यह शर्म की बात है।"

चिदंबरम ने व्यंग्य के अंदाज में कहा, "आरबीआई ने 16,000 करोड़ रुपये कमाए, लेकिन नए नोटों की छपाई में 21,000 करोड़ रुपये गंवाए! अर्थशास्त्रियों  को नोबल पुरस्कार दिया जाना चाहिए।"

उन्होंने अगले ट्वीट में कहा, "99 फीसदी नोट वैधानिक तौर पर बदले जा चुके हैं! क्या नोटबंदी काले धन को सफेद करने के लिए बनाई गई योजना थी।"

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी सालाना रपट में कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष में 1,000 रुपये के कुल 8.9 करोड़ नोट, जिसका मूल्य 8,900 करोड़ रुपये हैं, वह प्रणाली में वापस नहीं लौटा, जबकि उस समय प्रचलन में 1,000 रुपये के कुल 670 करोड़ नोट थे। इस तरह आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा के दौरान देश में प्रचलन में रहे 1,000 रुपये के 1.3 फीसदी नोट ही वापस नहीं आए हैं।

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