नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के आपातकाल के बारे में दिये गए उस बयान से राजनीतिक हलकों में अटकलों का दौर शुरू हो गया है जिसमें उन्होंने कहा है कि जो ताकतें लोकतंत्र को कुचल सकती हैं, वे मजबूत हुईर् हैं। आडवाणी के इस बयान पर ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर केंद्रित है हालांकि, RSS ने ऐसी किसी बात को खारिज किया है जबकि कांग्रेस तथा भाजपा के अन्य प्रतिद्वन्द्वी दलों ने आडवाणी की इस चिंता को साझा किया है।
आडवाणी ने इंडियन एक्सप्रेस को दिये साक्षात्कार में कहा, संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा होने के बावजूद अभी के समय में जो ताकतें लोकतंत्र को कुचल सकती हैं, ...वे मजबूत हुई हैं।
उन्हांने कहा, 1975..77 में आपातकाल के समय के बाद से मैं नहीं समझता कि ऐसा कुछ किया गया जो आश्वस्त करता हो कि नागरिक स्वतंत्रता फिर से निलंबित या ध्वस्त नहीं की जाएंगी। ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ।
पूर्व उपप्रधानमंत्री और अभी भाजपा के मागदर्शक मंडल के सदस्य आडवाणी ने कहा, वास्तव में, कोई आसानी से ऐसा नहीं कर सकता है... लेकिन ऐसा दोबारा नहीं होगा...मैं ऐसा नहीं कहूंगा। ऐसा हो सकता है कि मौलिक स्वतंत्रता में फिर कटौती हो।