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विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग से कहा, आप यह काम करें तो हमें EVM से आपत्ति नहीं

विपक्षी दलों के नेताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मुलाकात कर उन्हें इस आशय का ज्ञापन सौंपा।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : February 05, 2019 7:39 IST
Opposition parties meet Election Commission over EVM issue | PTI
Opposition parties meet Election Commission over EVM issue | PTI

नई दिल्ली: कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, बहुजन समाज पार्टी, तेलुगु देशम पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सहित विपक्षी दलों ने सोमवार को EVM की विश्वसनीयता के मुद्दे को एक बार फिर उठाया। हालांकि इन पार्टियों ने चुनाव आयोग से ईवीएम मशीनों के मतों का 50 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों की पर्ची से मिलान कराने की मांग की है। विपक्षी दलों के नेताओं ने ईवीएम का मुद्दा एक बार फिर उठाया तो है, लेकिन इस बार उन्होंने ईवीएम का पूरी तरह विरोध करने से बचते हुए नई मांग रखी। शाम को विपक्षी नेताओं ने NCP नेता शरद पवार के यहां बैठक की और इस विषय पर चर्चा की।

विपक्षी दलों के नेताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मुलाकात कर उन्हें इस आशय का ज्ञापन सौंपा। इस पर लोकसभा और राज्यसभा में 23 विपक्षी दलों के नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं। कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और अहमद पटेल के अलावा तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू, राकांपा के माजिद मेमन, सपा के रामगोपाल यादव, बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा, राजद के मनोज झा, माकपा के मोहम्मद सलीम, भाकपा के डी राजा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और ‘आप’ के संजय सिंह सहित अन्य दलों के नेता शामिल थे।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘आयोग ने इस विषय पर हमें भरोसा दिया है।’ उन्होंने कहा कि तमाम दलों ने पहले मतपत्र से चुनाव कराने की मांग की थी लेकिन अगले लोकसभा चुनाव में कम समय होने के कारण सभी दलों ने आयोग के समक्ष यह मांग नहीं रखी। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता चाहते हैं कि ईवीएम में हरसंभव पारदर्शिता कायम रखी जाए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सभी दलों की सहमति से आयोग के समक्ष ईवीएम की विश्वसनीयता को बरकरार रखने के लिए हर राज्य में आधे मतदान केंद्रों पर ईवीएम के मतों का वीवीपैट की पर्चियों से मिलान करने का सुझाव पेश किया गया।

तेलुगू देशम पार्टी के नेता एवं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हमारे समक्ष ईवीएम को लेकर आशंकाएं रही हैं। इस विषय को कई बार उठाया गया। दुनिया में जो देश तकनीकी के स्तर पर काफी मजबूत हैं, वहां भी बैलेट पेपर के आधार पर चुनाव होता है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर हमने चुनाव आयोग से मुलाकात की और यह मांग की कि ईवीएम मशीनों के मतों का 50 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों की पर्ची से मिलान कराया जाए। नायडू ने कहा कि लोकतंत्र और विश्वास कायम रखने के लिए हम यह मांग कर रहे हैं। अभी ईवीएम को लेकर संदेह खड़ा हो रहा है और ऐसी बातें आती है कि कोई कहीं बटन दबाएं, कमल निशान को जाता है। उन्होंने कहा, ‘हमें विश्वास है कि आयोग हमारी मांग पर पूरा ध्यान देगा।’

बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि हमलोगों ने आज चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि इस विषय पर न्यायालय के निर्देश का पालन किया जाए। चूंकि लोकसभा चुनाव के लिए समय कम है, ऐसे में ईवीएम मशीनों के मतों का 50 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों की पर्ची से मिलान कराया जाए। सपा नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि हमारी मांग है कि ईवीएम मशीन के मतों में से 50 प्रतिशत का वीवीपैट की पर्ची से बिना बारी के (रैंडम) मिलान किया जाए और इस आधार पर गिनती की जाए।

भाकपा के डी राजा ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि उसके पास स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने का अधिकार है, ऐसे में विश्वसनीयता को मजबूत बनाने के लिये ईवीएम मशीनों के मतों का 50 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों की पर्ची से मिलान कराया जाए। उल्लेखनीय है कि ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाकर विपक्ष पहले पेपर बैलट से चुनाव कराने की मांग कर रहा था। हालांकि, चुनाव आयोग ने साफ कहा था कि ईवीएम और वीवीपैट में गड़बड़ी नहीं हो सकती है। अब पुराने सिस्टम पर लौटना संभव नहीं है। इसके बाद विपक्ष दलों ने बीते दिनों हुई दो बैठकों में इस मुद्दे पर रणनीति तैयार की और 50% वीवीपैट के मिलान की मांग रख दी।

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