नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने के खिलाफ कांग्रेस द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ का समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और वाम दलों ने समर्थन किया था, हालांकि इनका कोई नेता सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मंच पर नहीं दिखा। कांग्रेस का कहना है कि सपा, बसपा, माकपा और भाकपा ने बंद का समर्थन किया, लेकिन उन्होंने अपनी पूरी ताकत वहां लगाई जहां वे मजबूत हैं।
रामलीला मैदान के निकट एक पेट्रोल पंप के बाहर आयोजित विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के नेताओं के साथ कुल 16 पार्टियों के नेता मौजूद रहे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘‘इस बंद में 21 पार्टियां शामिल हैं। इस मंच पर 16 पार्टियों के नेता मौजूद हैं। लेकिन कुछ पार्टियों ने अपने-अपने राज्यों और यहां दिल्ली में भी अपने कार्यक्रम किए हैं। पूरा विपक्ष एकसाथ है।’’
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘सपा और बसपा ने हमें पहले ही सूचित कर दिया था कि वे उत्तर प्रदेश में मबजूत हैं, इसलिए वहीं अपनी पूरी ताकत लगाएंगे। ऐसे में उनके नेता यहां के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। इस पर बात करने की बजाय यह देखना चाहिए कि सभी दलों ने अपने स्तर से बंद का समर्थन किया है।’’ उन्होंने कहा कि वाम दलों ने भी दिल्ली में अपना अलग कार्यक्रम रखा था, इसलिए उनके नेता भी कांग्रेस के कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए।
कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के खिलाफ 'भारत बंद' बुलाया था।