नई दिल्ली: सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने 'एक देश एक चुनाव' को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक नारा भर है। उन्होंने कहा कि यह व्यवहारिक नहीं है। येचुरी ने केंद्र सरकार के विचार को असंवैधानिक तथा संघीय व्यवस्था के खिलाफ बताते हुए माकपा ने बुधवार को आरोप लगाया कि यह देश में संसदीय प्रणाली की जगह पिछले दरवाजे से राष्ट्रपति शासन लाने की कोशिश है।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के बाद माकपा नेता सीताराम येचुरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक साथ चुनाव का विचार देश में संसदीय प्रणाली की जगह पिछले दरवाजे से राष्ट्रपति शासन लाने की कोशिश है। यह विचार असंवैधानिक और संघीय व्यवस्था के खिलाफ है।’’
उन्होंने कहा कि पहले भी एक साथ चुनाव हुए थे लेकिन अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया गया। जब तक अनुच्छेद 356 रहेगा तब तक एक साथ चुनाव नहीं हो सकते।
येचुरी के अनुसार बैठक में राकांपा के शरद पवार और भाकपा समेत कई दलों के नेताओं ने कहा कि फिलहाल की व्यवस्था में एक साथ चुनाव संभव नहीं हैं। संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत केन्द्र कुछ आपात स्थितियों में राज्य की चुनी हुई सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा सकता है।
उधर बीजू जनता दल ने पीएम मोदी के इस विचार का समर्थन करने का ऐलान किया है। बीजू जनता दल की तरफ से उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इस बैठक में शामिल हुए। इस सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस के अलावा विपक्ष के प्रमुख नेताओं में बसपा अध्यक्ष मायावती और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हिस्सा नहीं लिया।
उल्लेखनीय है कि मोदी ने लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने तथा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के आयोजन सहित अन्य मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक बुलायी। ममता बनर्जी ने भी एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर आहूत बैठक का आमंत्रण ठुकराते हुये सरकार से इस मुद्दे पर व्यापक विचार मंथन के लिये श्वेत पत्र जारी करने की मांग की थी। (इनपुट-एजेंसी)