मुम्बई। कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को दस जुलाई को अपना इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के बागी विधायक एम. टी. बी नागराज रविवार दोपहर मुम्बई पहुंच गये जिससे यहां डेरा डाले हुए असंतुष्ट विधायकों की कुल संख्या 15 हो गयी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इससे पहले कर्नाटक के खबरिया चैनलों ने नागराज के चार्टर्ड विमान में सवार होने की तस्वीरें दिखाई थीं। सूत्रों ने कहा, ‘‘ वह दोपहर को यहां पहुंच गये और वह होटल में हैं, जहां कुछ अन्य विधायक डेरा डाले हुए हैं।’’
सूत्रों के अनुसार नागराज के साथ भाजपा नेता आर अशोक भी थे। सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के नेताओं ने नागराज को अपने पाले में वापस लाने की कोशिश के तहत शनिवार को उनसे बातचीत की थी। नागराज ने कहा था कि चिकबल्लापुरा के विधायक के सुधाकर के साथ बातचीत के बाद ही इस्तीफा वापस लेने के विषय पर वह अंतिम निर्णय ले पायेंगे।
उन्होंने बेंगलुरु में अपने निवास से विदा होने से पहले संवाददाताओं से कहा था, ‘‘ सुधाकर ने अपना फोन बंद कर लिया है और वह पिछले दो दिन से उपलब्ध नहीं हैं। सुधाकर को समझाने-बुझाने के बाद मैं उन्हें वापस लाने का प्रयास करूंगा। चूंकि हम दोनों ने साथ ही इस्तीफा दिया था, इसलिये हम एकजुट रहना चाहते हैं। मैंने कांग्रेस नेताओं को इसकी सूचना दे दी है।’’
नागराज और सुधाकर ने दस जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा दिया था। कांग्रेस के 13 और जद (एस) के तीन विधायकों के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद कर्नाटक की एच डी कुमारस्वामी सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गयी है। दो निर्दलीय विधायकों ने भी कर्नाटक सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और वे अब विपक्षी भाजपा के समर्थन में सामने आ गये हैं।
सदन में सत्तारूढ़ गठबंधन के पास अध्यक्ष के अलावा 116 विधायक हैं जिनमें कांग्रेस के 78, जदएस के 37 और बसपा के एक विधायक हैं। दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ ही सदन में भाजपा को 107 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। यदि 16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सदन में सत्तारूढ़ गठबंधन के पास महज 100 विधायक रह जायेंगे। विधानसभा अध्यक्ष का भी एक वोट होता है। कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा है।