नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की दूसरी पारी की टीम में राज्यसभा सदस्यों की संख्या 19 से घटकर 11 रह गई है, क्योंकि इनमें से कई आम चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंच गए हैं। नवगठित मंत्रिपरिषद में 11 राज्यसभा सदस्य हैं जिनमें से छह कैबिनेट मंत्री हैं और दो राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार व तीन राज्यमंत्री हैं।
मोदी के पहले के कार्यकाल में मंत्रिपरिषद में 19 मंत्री राज्यसभा सदस्य थे, जिनमें से 12 कैबिनेट मंत्री, दो राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पांच राज्यमंत्री थे। नए मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री थावरचंद गहलोत, प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण, धर्मेद्र प्रधान और मुख्तार अब्बास नकवी राज्यसभा सदस्य हैं।
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप पुरी और मनसुख मांडवीय भी राज्यसभा सदस्य हैं। बतौर राज्यसभा सदस्य रामदास अठावले, पुरुषोत्तम रूपाला और वी.मुरलीधरन को राज्यमंत्री के रूप में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है।
मोदी के पूर्व कार्यकाल में 12 राज्यसभा सदस्य कैबिनेट मंत्री थे जिनमें अरुण जेटली, सुरेश प्रभु, रविशंकर प्रसाद, जे.पी. नड्डा, चौधरी बीरेंद्र सिंह, गहलोत, स्मृति ईरानी, जावड़ेकर, प्रधान, गोयल, सीतारमण और नकवी शामिल थे। इनमें से जेटली, प्रभु, नड्डा और बीरेंद्र सिंह को इस बार मंत्री नहीं बनाया गया है, जबकि प्रसाद और ईरानी मंत्री बने हैं, मगर वे अब लोकसभा के सदस्य हैं।
पिछली सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में मंत्रिपरिषद में शामिल के.जे. अल्फोंस और पुरी राज्यसभा सदस्य रहे। इस बार अल्फोंस को मंत्री नहीं बनाया गया है। हालांकि पुरी मंत्री बने हैं। अल्फोंस केरल से लोकसभा चुनाव लड़े थे और पुरी पंजाब से, मगर दोनों चुनाव हार गए।
पिछली सरकार में राज्यसभा सदस्य एम.जे. अकबर, शिव प्रताप शुक्ल, अठावले, पुरुषोत्तम रूपाला और विजय गोयल राज्यमंत्री थे। इस बार सिर्फ अठावले और रूपाला को मंत्री बनाया गया है। नई मंत्रिपरिषद में जावड़ेकर को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ सूचना व संचार मंत्रालय का प्रभार दिया गया है जबकि सीतारमण वित्तमंत्री बनी हैं। सीतारमण के पास कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय भी है।