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अब हर रोज एक गांव से बैठेंगे ग्रामीण सांकेतिक भूख हड़ताल पर

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ खटकड़ टोल के पास किसानों का धरना 85वें दिन भी जारी रहा और किसानों ने निर्णय किया कि अब हर रोज एक गांव से ग्रामीण सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

Reported by: Bhasha
Published on: March 21, 2021 8:58 IST
अब हर रोज एक गांव से...- India TV Hindi
Image Source : PTI (FILE PHOTO) अब हर रोज एक गांव से बैठेंगे ग्रामीण सांकेतिक भूख हड़ताल पर

जींद: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ खटकड़ टोल के पास किसानों का धरना 85वें दिन भी जारी रहा और किसानों ने निर्णय किया कि अब हर रोज एक गांव से ग्रामीण सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे। किसानों ने बताया कि यह निर्णय किया गया है कि अब हर रोज एक गांव से ग्रामीण सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे और इस आलोक में आज सर्व जातीय खेड़ा खाप के प्रधान सतबीर पहलवान बरसोला अपने कुनबे के साथ सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे।

इस मौके पर सतबीर बरसोला ने कहा कि सरकार हठ छोड़ते हुए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करे और न्यूनतम समर्थन मूल्य के संबंध में कानून बनाने का काम करें। दूसरी ओर भाकियू जिलाध्यक्ष आजाद पालवां ने कहा कि किसान व्यक्ति विशेष का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि जेजेपी और भाजपा के नेताओं, विधायकों, मंत्रियों का विरोध कर रहे है।

दूसरी तरफ, हरियाणा पुलिस के पूर्व महानिरीक्षक रणबीर शर्मा ने सरकार द्वारा क्षति वसूली विधेयक विधानसभा में पास करने की निंदा करते हुए कहा कि यह विधेयक किसान आंदोलन से घबराकर जल्दबाजी में लिया गया फैसला है। उन्होंने कहा कि सरकार इस विधेयक के जरिए जन आंदोलनों को कुचलना चाहती है लेकिन जनता अब जाग चुकी है और सरकारी तानाशाही को बर्दाश्त नही करेगी।

इधर सर्वजातीय खाप पंचायतों के राष्ट्रीय संयोजक टेकराम कंडेला ने शनिवार को कंडेला में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की मांगें मान लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों से ज्यादा समय से लाखों किसान शांतिपूर्वक तरीके से दिल्ली मे आंदोलन कर रहे हैं परंतु लगता है सरकार की आंखों पर पट्टी बंधी हुई है इसलिये सरकार को किसानों की परेशानी दिखाई नहीं दे रही है।

दूसरी ओर किसानों ने बताया सरसों का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक मिल रहा है। किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा सरसों का सरकारी भाव 4650 रूपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है, जबकि निजी बोली पर उन्हें पांच हजार रूपये से लेकर 5200 रूपये प्रति क्विंटल तक के भाव इन दिनों मिल रहे है।

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