नयी दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस की चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख कीर्ति आजाद ने बुधवार को कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का जो भी आदेश होगा, उसका वह पालन करेंगे। मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरे से जुड़े सवाल पर आजाद ने कहा कि वह फिलहाल सोनिया गांधी की टीम के सिपाही के रूप में कर्म करने में लगे हुए हैं। आजाद ने यह दावा भी किया कि अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
दो दशक के बाद दिल्ली की राजनीति में वापसी करने वाले आजाद ने कहा, ‘‘सोनिया जी ने कहा कि मुझे यह जिम्मेदारी संभालनी है तो मैंने इसे स्वीकार किया क्योंकि मैं खिलाड़ी आदमी हूं, अनुशासन में रहने वाला हूं। आशा करता हूं कि सोनिया जी ने मुझ पर जो विश्वास जताया है कि उस पर मैं खरा उतरूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 25 साल भाजपा में सेवा की और जब भ्रष्टाचार उजागर किया तो निकाल दिया गया। कांग्रेस में मुझे मान-सम्मान दिया गया है। अपने पिता के घर वापस आया हूं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस ने उन्हें परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश किया है तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं इन सब चीजों के बारे में सोचता नही हूं। भगवान कृष्ण ने कहा था कि कर्म किए जा, फल की इच्छा मत रख। मैं टीम का सिपाही हूं। मेरी कप्तान सोनिया जो आदेश देंगी, वह मैं करूंगा। मैं आज की सोचता हूं।’’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा, ‘‘जो कुछ होता है, वह पार्टी तय करती है।’’ विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना से जुड़े सवाल पर आजाद ने कहा, ‘‘मैं चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं हूं।’’
हालांकि उन्होंने यह भी कहा, ‘‘राष्ट्रीय अध्यक्ष का जो आदेश होगा, वह मैं करूंगा।’’ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर अपना नाम उछलने के बाद पार्टी के कई नेताओं द्वारा विरोध किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘इस विषय पर मैं बात नहीं करता। अगर मुझे कोई पद नहीं मिलता तो भी मैं काम करता।’’ उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है और सभी नेता साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
आजाद ने इस धारणा को भी गलत करार दिया कि मुख्यमंत्री का कोई चेहरा घोषित नहीं होने से अरविंद केजरीवाल के सामने कांग्रेस की चुनौती कमजोर होगी। यह पूछे जाने पर कि क्या अयोध्या मामले पर अदालती फैसले का असर दिल्ली चुनाव पर होगा तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि इसका कोई असर पड़ेगा।’’ आजाद ने भाजपा और आम आदमी पार्टी पर पूर्वांचलियों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस वर्ग को हमेशा सम्मान दिया है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘भाजपा और आप दोनों खुद को पूर्वांचलियों का हितैषी बताते हैं और अगर वे हितैषी हैं तो सिर्फ वोट लेने के लिए हितैषी हैं। पूर्वांचली सम्मान के भूखे हैं। क्या अरविंद केजरीवाल का लाखों रुपये के इलाज वाला बयान उचित था? मनोज तिवारी अपने आका को खुश करने के लिए कहते हैं कि अपराध करने वाले 80 फीसदी बाहरी लोग हैं। वह पूर्वांचली होकर भी पूर्वांचलियों का अपमान करते हैं।’’ कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि शीला दीक्षित के समय बिजली चोरी पर लगाम लगाए जाने के कारण ही आज केजरीवाल सरकार मुफ्त बिजली से जुड़ा कदम उठा सकी है।