मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दुनिया के नेताओं के साथ मित्रता बनाने के बावजूद पाकिस्तान एवं चीन के साथ अपने मुद्दों पर भारत अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने में नाकाम रहा। ठाकरे की पार्टी केंद्र एवं महाराष्ट्र में भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार का हिस्सा है। ठाकरे ने यह भी कहा कि अगर भाजपा चुनावों एवं अंदरूनी राजनीति में ही उलझी रही तो यह राष्ट्र के साथ अन्याय होगा।
शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए अपने इंटरव्यू के दूसरे भाग में ठाकरे से पूछा, आखिर ऐसा क्या हुआ जिसके कारण कश्मीर में अशांति हुई और ड्रैगन चीन हमारा शत्रु बना क्या कहीं हम चूक कर रहे हैं प्रधानमंत्री ने दुनिया भर का दौरा किया और उन्होंने कई मित्र बनाये हैं। फिर, आखिर ऐसा क्यों है कि कोई भी इन शत्रुओं के खिलाफ हमारा खुलकर समर्थन नहीं कर रहा है।
उन्होंने कहा, भाजपा शिवसेना को अपना नंबर एक दुश्मन मान सकती है। शायद इसी वजह से पाकिस्तान और चीन को नजरअंदाज किया गया हो अगर वे शिवसेना को इन दोनों राष्ट्रों से बड़ा शत्रु मानते हैं तो यह उनका दुर्भाग्य है, मेरा नहीं।
ठाकरे के अनुसार चीन की ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और भारत को इसकी बराबरी के लिये प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, सत्तारूढ़ पार्टी चुनावों और अंदरूनी राजनीति में फंसी हुई है, यह राष्ट्र के साथ अन्याय होगा... आप चुनाव कभी भी जीत सकते हैं, आपने इन्हें जीता भी है। लेकिन युद्ध तो युद्ध होता है और यहां तो आपके सामने चीन है।
ठाकरे ने कहा, एक तरफ वे भाजपा पाकिस्तान से पाक अधिकृत कश्मीर को वापस नहीं ले सके तो दूसरी और चीन पांव पसार रहा है। शिवसेना प्रमुख ने गोरक्षकों का मुद्दा और उनके हिंसा का सहारा लेने की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा, देश में अभी माहौल अच्छा नहीं है। उन्होंने पूछा, एक ही समय में आप कितने मोर्चों पर लड़ने में सक्षम होंगे।
राष्ट्रपति चुनाव से पहले हुई राजग की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बातचीत के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनका सस्नेह स्वागत किया। शिवसेना नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मुझे अपने साथ भोजन करने का अनुरोध किया और स्नेहपूर्वक मेरे परिवार के सदस्यों का कुशलक्षेम पूछा।