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कर्नाटक: खतरे में कुमारास्वामी सरकार? कांग्रेस में असंतोष पर बोले सिद्धरमैया- कोई इस्तीफा नहीं देगा

शनिवार को हुए कैबिनेट विस्तार में 2 विधायकों रमेश जरकीहोली और निर्दलीय आर शंकर को बाहर का रास्ता दिखाया गया।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 24, 2018 7:52 IST
No discontent in Congress, says Siddaramaiah after Karnataka ministry expanded- India TV Hindi
No discontent in Congress, says Siddaramaiah after Karnataka ministry expanded | PTI

बेंगलुरु: कर्नाटक कैबिनेट में एक दिन पहले हुए बदलाव के बाद कांग्रेस में बढ़ते विरोध के बीच पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने रविवार को पार्टी में किसी तरह से असंतोष से इनकार किया है। शनिवार को हुए कैबिनेट विस्तार में 2 विधायकों रमेश जरकीहोली और निर्दलीय आर शंकर को बाहर का रास्ता दिखाया गया। रमेश के भाई सतीश जरकीहोली, एमबी पाटिल और 6 अन्य को शामिल किया गया। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार ने असंतोष पर काबू पाने के प्रयास के तहत 9 संसदीय सचिव नियुक्त किए और 19 विधायकों को विभिन्न बोर्ड एवं निगमों का अध्यक्ष बनाया।

‘पार्टी में कोई असंतोष नहीं है’

मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने के एक दिन बाद रमेश जरकीहोली परिदृश्य से गायब हो गए हैं जिससे कांग्रेस-JDS की बेचैनी बढ़ सकती है। एक ऑडियो क्लिप सामने आई है जिसमें गोकक से विधायक कथित रूप से कह रहे हैं कि वह एवं अन्य इस्तीफा देंगे और लोगों को एक सप्ताह के भीतर परिवर्तन देखने को मिलेगा। सत्ताधारी गठबंधन के समन्वयक सिद्धरमैया ने विधायकों में से किसी के इस्तीफे की संभावना से इनकार किया। सिद्धरमैया ने जमखंडी में कहा, ‘पार्टी में कोई असंतोष नहीं है और कोई भी इस्तीफा नहीं देगा। उनके (रमेश जरकीहोली) भाई (सतीश) को उनके परिवार से विधायक बनाया गया है।’

जरकीहोली ने विधायकों संग की बैठक
जरकीहोली गठबंधन सरकार के सत्ता संभालने के बाद से ही अप्रसन्न थे। जानकारी मिली है कि उन्होंने आगे के कदम पर निर्णय करने के लिए अपने विश्वासपात्र विधायकों के साथ एक बैठक की। कई बार कॉल और मेसेज करने के बावजूद वह टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हुए। मंत्रिपद नहीं दिए जाने से अधिक मुखर कांग्रेस विधायक आर रामलिंग रेड्डी थे जिन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ अन्याय हुआ है। उन्होंने कहा, ‘मुझे वरिष्ठ होने के चलते पद नहीं दिया गया। मंत्री नहीं बनाने का यदि यह आधार था तो यह परमेश्वर (उपमुख्यमंत्री), डीके शिवकुमार (जल संसाधन मंत्री), कृष्ण बाइरेगौड़ा (विधि एवं पंचायत मंत्री) एवं कुछ अन्य पर लागू क्यों नहीं है?’

एक और विधायक ने जताया असंतोष
रेड्डी ने यह भी दावा किया कि उन्हें छोड़ने का निर्णय लेने वालों में 4 व्यक्ति शामिल थे। सिद्धरमैया ने आरोप खारिज किया और कहा कि निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लिया गया। एक अन्य असंतोष की आवाज चिक्कबलारपुर विधायक डी सुधाकर की ओर से आई। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि कुछ जिलों का अत्याधिक प्रतिनिधित्व है जबकि कुछ का प्रतिनिधित्व ही नहीं है। विशेष रूप से कांग्रेस की ओर से वोक्कालिंगा समुदाय को छोड़ दिया गया है। वोक्कालिंगा समुदाय को उसका उचित हिस्सा नहीं दिया गया जो कि मंत्रालय में मिलना चाहिए था।’

कांग्रेसी विधायकों के असंतोष पर बोली भाजपा
वहीं भाजपा ने कहा कि उसके दरवाजे ऐसे किसी के लिए भी खुले हुए हैं जो उसकी पार्टी या उसकी विचारधारा को स्वीकार करने को तैयार है। भाजपा सांसद शोभना करंदलाजे ने कहा, ‘कांग्रेस में जो कुछ भी हो रहा है उससे हमारा कोई संबंध नहीं है। अपने लोगों को एकजुट रखना उनका काम है। हम तब तक किसी से सम्पर्क नहीं करेंगे जब तक वे (विधायक) कांग्रेस में हैं लेकिन ऐसे किसी का भी स्वागत है जो हमारी पार्टी या विचारधारा को स्वीकार करता है।’ (भाषा)
 

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