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जेडीयू के केंद्र में शामिल होने की अटकलों के बीच नीतीश दिल्ली रवाना

केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार होने पर जेडीयू के उसमें शामिल होने की अटकलों के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए, हालांकि उनकी पार्टी जेडीयू ने आंख के इलाज के लिए मुख्यमंत्री के दिल्ली जाने की बात कही है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : June 22, 2021 18:37 IST
Nitish leaves for Delhi amid speculations about JD(U) joining Union govt
Image Source : PTI कैबिनेट के विस्तार होने पर जेडीयू के उसमें शामिल होने की अटकलों के बीच नीतीश कुमार दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

पटना: केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार होने पर जेडीयू के उसमें शामिल होने की अटकलों के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए, हालांकि उनकी पार्टी जेडीयू ने आंख के इलाज के लिए मुख्यमंत्री के दिल्ली जाने की बात कही है। पटना हवाई अड्डे से मंगलवार को एक निजी विमान से मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली के लिए रवाना होने वालों में उनके विश्वासपात्र माने जाने वाले जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, जेडीयू नेता और नेत्र विशेषज्ञ डॉ. सुनिल कुमार सिंह और नीतीश के एक मित्र उदयकांत मिश्र समेत सुरक्षा अधिकारी राजेश शामिल हैं।

जेडीयू 2013-2017 के दौरान एक अंतराल को छोड़कर लंबे समय से बीजेपी की सहयोगी रही है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद भगवा पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत प्राप्त किया था, जिसके बाद मंत्रिमंडल में सहयोगी दलों के लिए प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व के प्रस्ताव को नीतीश ने ठुकरा दिया था।

लोकसभा में जेडीयू संसदीय दल के नेता और मुंगेर से सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने  कैबिनेट में विस्तार को लेकर दिल्ली की यात्रा के क्रम में नीतीश के प्रधानमंत्री से मुलाकात करने की चर्चा को अटकलबाजी बताते हुए सोमवार को कहा था, ‘‘मुख्यमंत्री अपनी आंख के इलाज के लिए दिल्ली जा रहे हैं और जहां तक  कैबिनेट विस्तार की बात है यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। प्रधानमंत्री कब  कैबिनेट का विस्तार करेंगे और किससे परामर्श करेंगे यह उनका विशेषाधिकार है। उनके इस विशेषाधिकार को मुख्यमंत्री की दिल्ली यात्रा से जोड़ना बेबुनियाद है।’’

ललन सिंह को उन उम्मीदवारों में से एक के तौर पर देखा जा रहा है जो जेडीयू की ओर से कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार होने पर जेडीयू की ओर से बनाए जाने वाले मंत्रियों में एक और नाम जो चर्चा में है वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का है। 

पूर्व आईएएस अधिकारी आरसीपी ने सोमवार को पत्रकारों द्वारा इस बाबत पूछे जाने पर कहा था, ‘‘मेरा नाम तो 2017 से आता रहा है तो ये स्वाभाविक है कि लोग अपने हिसाब से कयास लगाते हैं लेकिन ये अधिकार हमारे नेता का है और उन्होंने जब भी निर्णय लिया सभी से पूछकर ही लिया।’’ उन्होंने कहा था, ‘‘यह अच्छा नहीं लगता कि हम राज्य में सत्ता में भागीदार हैं लेकिन केंद्र में नहीं, हालांकि हम वहां भी एनडीए का हिस्सा हैं। केंद्र सरकार में शामिल होने के बाद दोनों पार्टियों के लिए चीजें बेहतर होंगी।’’ 

उन्होंने एलजेपी नेता चिराग पासवान पर कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘‘मैंने चिराग का बयान सुना था। जो कहते थे कि मैं शेर (एलजेपी संस्थापक और दिवंगत पूर्व केंदीय मंत्री रामविलास पासवान) की औलाद हूँ और कल कह रहे थे कि मैं अनाथ हूँ तो हमने आजतक नहीं सुना कि शेर भी कभी अनाथ हो सकता है और शेर का बेटा अगर शेर तो शेर का भाई (पशुपति कुमार पारस) भी तो शेर ही होगा।’’

एलजेपी में टूट के बारे में आरसीपी ने कहा था, ‘‘स्वाभाविक रूप से जब कोई भी पार्टी टूटती है तो उसका कोई आधार होता है और स्वाभाविक है कि जहां 6 सांसद थे 5 अलग हुए हैं तो कुछ ना कुछ गलती हुई होगी।’’ पारस को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के बारे में पूछे जाने पर आरसीपी ने कहा था, ‘‘ये हम नही तय करेंगे, उनका दल तय करेगा । ये प्रधानमंत्री को तय करना है कि कौन मंत्री होंगे।’’

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