पटना: बिहार विधानसभा में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) लागू नहीं किए जाने संबंधी प्रस्ताव के सर्वसम्मति से पास होने के बाद महागठबंधन में शामिल विपक्षी दलों का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर 'मन डोलने' लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने बुधवार को नीतीश कुमार को महागठबंधन में आने का न्योता दिया। हालांकि प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश का मन भले ही डोले, लेकिन उनका मन नहीं डोलेगा।
बिहार विधानसभा में एनपीआर लागू नहीं होने के प्रस्ताव पास होने के बाद राज्य की सियासत गर्म हो गई है। मांझी ने नीतीश कुमार को बिहार का बड़ा चेहरा बताते हुए कहा कि उन्हें अब महागठबंधन के साथ आ जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "अगर नीतीश कुमार महागठबंधन में आते हैं, तो उनका स्वागत है।" इसके बाद मुख्यमंत्री का चेहरा बनाए जाने के संबंध में पूछे जाने पर मांझी ने कहा कि नीतीश से बड़ा चेहरा बिहार में कोई नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा यह बाद में तय होगा।
इधर कांग्रेस के विधायक अवधेश सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार प्रारंभ से ही धर्मनिरपेक्ष नेता रहे हैं। उनकी पृष्ठभूमि समाजवादी आंदोलन से जुड़े समाजवादी नेता की रही है। अगर वह साथ आते हैं, तो कोई दिक्कत नहीं है। राबड़ी देवी ने हालांकि नीतीश के महागठबंधन में आने संबंधी किसी भी संभावना को पूरी तरह नकार दिया। राबड़ी ने स्पष्ट करते हुए कहा, "नीतीश का मन डोले, लेकिन हमारा मन नहीं डोलेगा।"
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच बंद कमरे में 20 मिनट की मुलाकात हुई थी। बैठक के बाद विधानसभा में एनपीआर लागू नहीं होने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हुआ। इसके बाद से ही जद (यू) प्रमुख नीतीश कुमार को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं।