पटना: बिहार विधानसभा में सोमवार को नया शराबबंदी कानून सर्वसम्मति से पारित हो गया। नए कानून में शराबबंदी के कई प्रावधानों को नरम बनाया गया है। इससे पहले 11 जुलाई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बिहार मंत्रिपरिषद की बैठक में बिहार में लागू शराबबंदी कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
बिहार विधानसभा में नए शराबबंदी कानून को पेश करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी गरीब आदमी के लिए लाया गया था। गरीब लोग अपनी आय का बड़ा हिस्सा शराब खरीदने पर खर्च कर रहे थे। घरेलू हिंसा बढ़ गई थी। नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने शराबबंदी कानून गरीबों की बेहतरी के लिए लागू किया था।
विधानसभा में यह संशोधन विधेयक ध्वनि मत से पारित हो गया था। बता दें कि 5 अप्रैल 2016 से बिहार में किसी भी शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है।
नीतीश सरकार ने पिछले दिनों बिहार में शराबबंदी को लेकर कानून में कई अहम बदलावों को कैबिनेट मंजूरी दी थी। इन बदलावों के बाद एक समय वाकई में काफी सख्त दिखते इस कानून की धार अब पहले जैसी नहीं रह गई है। कभी शराब को लेकर काफी सख्ती दिखाने वाले नीतीश की इस नई नरमी के राजनीतिक निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं।
नीतीश सरकार शराबबंदी कानून के कड़े प्रावधानों को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर रही है। इस कड़े कानून के कारण राज्य में हजारों लोगों को जेल तक जाना पड़ा है। अब नीतीश की इस नरमी से एक तरफ जहां विपक्ष को हमलावर होने का मौका मिला है, वहीं इन आरोपों पर भी मुहर लगती दिख रही है कि कानून को दुरुपयोग हो रहा था।