नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। जनता दल युनाइटेड के नेता नीतीश ने इस मौके पर तीन कृषि कानूनों के समर्थन में कहा कि वह सरकार के साथ हैं और कानून किसानों के हित में हैं न कि उनके खिलाफ। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आंदोलन खत्म करने के लिए किसानों के साथ बातचीत करने का सही रास्ता अपनाया है। बता दें कि पिछले साल नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक थी। मोदी से मिलने के बाद नीतीश ने कहा, ‘कृषि कानूनों का उद्देश्य किसानों को लाभ पहुंचाना है और ये उनके खिलाफ नहीं हैं।’
‘हम सरकार के साथ हैं’
कानून वापसी की मांग के साथ पिछले साल 26 नवंबर से ही विरोध कर रहे किसानों के बारे में सवाल पूछे जाने पर नीतीश ने कहा, ‘हम सरकार के साथ हैं और सरकार ने बातचीत करके सही रास्ते का विकल्प चुना है।’ उन्होंने कहा कि वह जल्द ही समाधान निकाले जाने के प्रति आशान्वित हैं। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं और अपनी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गारंटी की मांग भी कर रहे हैं। इससे पहले, सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, मगर कोई हल नहीं निकला।
‘बजट बहुत अच्छा है’
JDU को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा के सवाल पर नीतीश ने कहा, ‘मंत्रिमंडल पर कोई चर्चा नहीं हुई है।’ उन्होंने एक फरवरी को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट की भी सराहना की और कहा, ‘कोविड महामारी के प्रभाव के बावजूद बजट बहुत अच्छा है। हम राज्य में भी एक अच्छा बजट लाएंगे।’ JDU नेता ने कहा कि उन्होंने और प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के विकास पर भी चर्चा की, क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान लोगों से बहुत सारे वादे किए गए। हालांकि उन्होंने चिराग पासवान के नेतृत्व वाली LJP पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जो पिछले साल से JDU पर बार-बार हमला कर रही है।
विपक्षी दलों पर किया कटाक्ष
नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल समेत प्रतिद्वंद्वी दलों के बिहार में सरकार के अपना कार्यकाल पूरा नहीं करने के दावों पर भी कटाक्ष किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर इन सबसे उन्हें (विपक्ष को) पूरा प्रचार मिल रहा है तो इसमें कुछ गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे नेता वास्तविकता से अनभिज्ञ हैं। अन्य सवालों के जवाब देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताते हुए कहा कि उन्होंने कोई खास मांग नहीं की और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।