पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में गुरुवार को कहा कि उन्हें 'वोट' नहीं 'वोटरों' की चिंता है। उन्होंने शराबबंदी की आलोचना करने वाले विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग मानव श्रृंखला में हाथ से हाथ जोड़कर खड़े थे, वे अब शराबबंदी के खिलाफ बोल रहे हैं। यह कैसी नैतिकता है? बिहार में शराबबंदी के 2 साल पूरे होने के मौके पर उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें वोट नहीं वोटरों की चिंता है।
नीतीश ने दावा करते हुए कहा कि शराबबंदी से समाज में बड़ा बदलाव हुआ है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आज अखबार में लोग बयान देते हैं कि शराबबंदी कानून के तहत एक लाख से ज्यादा लोग बिहार की जेलों में बंद हैं, जबकि बिहार की सभी जेलों को मिला दिया जाए तो उनमें एक लाख कैदियों को रखने की क्षमता नहीं है।’ नीतीश ने कहा कि विपक्ष को जेल में बंद शराब पीने वालों, शराब बेचने वालों और शराब का कारोबार करने वालों की चिंता है, लेकिन वे उन लोगों की ओर नहीं देखते जिनकी जिंदगी शराबबंदी के बाद अच्छी हो गई।
नीतीश ने कहा कि शराबबंदी से लाखों परिवार को फायदा हुआ है। विपक्ष पर तंज कसते हुए नीतीश ने कहा, ‘बिहार में पूर्ण शराबबंदी का क्या असर है ये तो बिहार की जनता से पूछिए। उन लोगों को तो समाज के इस सुधार को लेकर भी राजनीति दिखती है, कमियां दिखती हैं।’