नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने कहा है कि उन्हें अभी भी संदेह है कि महाराष्ट्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस पार्टी की गठबंधन सरकार बनेगी या नहीं, उन्होंने कहा कि अगर इन तीनों दलों की सरकार बन गई तो वह टिकी रहेगी या नहीं, इसपर भी संदेह है। नितिन गडकरी ने इंडिया टीवी संवाददाता देवेंद्र पराशर को दिए इंटरव्यू में यह बयान दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना के साथ बात नहीं बनने की वजह भी बताई।
नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें कल्पना नहीं थी कि महाराष्ट्र में ऐसा होगा, उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के गठबंधन का आधार हिंदुत्व था और एक विचारधारा का गठबंधन था, लेकिन कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना में विचारधारा का कोई तालमेल नहीं है और इस गठबंधन का आधार सिर्फ मौकापरस्ती होगा। नितिन गडकरी ने कहा कि तीनों पार्टियां भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से दूर रखने के लिए एक हो रही हैं और वैचारिक आधार नहीं होने के कारण अगर सरकार बनी तो बहुत ज्यादा टिकेगी नहीं।
शिवसेना को मुख्यमंत्री पद के वचन पर नितिन गडकरी ने कहा कि उन्होंने शिवसेना की इस दावे की जब जांच की और पार्टी अध्यक्ष तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से बात की तो पता चला कि शिवसेना से कहा गया था कि उनकी इस मांग को आगे देखेंगे। नितिन गडकरी ने कहा कि हो सकता है आगे देखेंगे का अर्थ उन्होंने यह निकाल लिया हो कि उन्हें मुख्यमंत्री पद दिया जाएगा और यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
नितिन गडकरी ने कहा कि शिवसेना सुप्रीमों बाला साहेब ठाकरे जब थे तब भी यह तय था कि जिस पार्टी के सबसे ज्यादा विधायक होंगे उसी पार्टी का मुख्यमंत्री होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से शिवसेना को साथ रखने की कोशिश की गई लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा हो नहीं सका। नितिन गडकरी ने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर लगातार टकराव रहा और भाजपा के 105 विधायक तथा शिवसेना के 55-56 विधायक होने पर भी शिवसेना चाहती थी कि उनकी पार्टी को मुख्यमंत्री पद मिले और यह संभव नहीं था।