मुंबई: केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता नितिन गडकरी आज मुंबई पहुंचे लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि वह महाराष्ट्र में शिवसेना और उनकी पार्टी के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए हस्तक्षेप नहीं करेंगे। गडकरी के दौरे से राजनीतिक खेमे में अटकलें तेज हो गईं हैं कि वह भाजपा-शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद की साझेदारी को लेकर दो हफ्तों से चले आ रहे गतिरोध को खत्म करने का प्रयास कर सकते हैं।
इस गतिरोध के चलते राज्य में सरकार गठन में देरी हो रही है। गडकरी ने संवाददाताओं से कहा, “मैं आज किसी नेता से मुलाकात नहीं कर रहा हूं। मैं आज शाम को एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने यहां आया हूं।”
यह साफ नहीं है कि केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आधिकारिक आवास पर शुक्रवार को तय की गई प्रदेश भाजपा नेताओं की कोर समिति की बैठक में शामिल होंगे या नहीं। हालांकि गडकरी ने बृहस्पतिवार को इस बात पर जोर दिया था कि भाजपा को मुख्यमंत्री पद मिलना चाहिए क्योंकि पार्टी ने शिवसेना से ज्यादा सीटें जीती हैं।
वहीं शिवसेना का दावा है कि फडणवीस ने फरवरी में कहा था कि दोनों दलों के बीच सभी पदों पर बराबर की साझेदारी होगी। फडणवीस और भाजपा दोनों ही मुख्यमंत्री पद को साझा करने और दोनों सहयोगी पार्टियों के बीच विभागों के बराबर बंटवारे से इनकार कर चुकी हैं।
इससे पहले गुरुवार को उद्धव ठाकरे ने अपने नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात की थी जिसके बाद शिवसेना के विधायकों को एक होटल में शिफ्ट कर दिया गया था। उद्धव पार्टी के जिलाध्यक्षों से भी मुलाकात करने वाले हैं। इसके बाद वह शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित कर सकते हैं। इस बीच संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में सरकार गठन के विकल्प पर कहा, 'काम चल रहा है, जोर से चल रहा है।'