नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और लेफ्टिनेंट गवर्नर के बीच की जंग अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दरवाजे तक पहुंच गई है। शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के धरने को समर्थन देने वाले 4 गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों ने रविवार को नीति आयोग की बैठक से इतर इस मुद्दे को प्रधानमंत्री मोदी के सामने उठाया। पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल के मुख्यमंत्रियों ने शनिवार को केजरीवाल के प्रति एकजुटता दिखाई थी। गौरतलब है कि केजरीवाल दिल्ली में नौकरशाहों की ‘हड़ताल’ खत्म करवाने के लिए अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ उपराज्यपाल के कार्यालय में धरने पर बैठे हैं।
2019 के लिहाज से महत्वपूर्ण है यह घटनाक्रम
शनिवार को केजरीवाल के आवास पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने केंद्र से तुरंत ‘संकट’ का समाधान करने को कहा था। अगले साल लोकसभा चुनावों के पहले विपक्षी दलों के साथ आने के प्रयासों के बीच केजरीवाल को चारों मुख्यमंत्रियों के समर्थन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दिलचस्प है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने पर विचार कर रही कांग्रेस दिल्ली के मुख्यमंत्री के धरना पर बैठने की आलोचना कर रही है।
कुमारस्वामी ने की PM के दखल की मांग
केजरीवाल के समर्थन में चारों मुख्यमंत्री ने ऐसे समय में एकजुटता दिखाई है जब एक दिन पहले कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन को केजरीवाल को निशाने पर लेने के लिए मैदान में उतारा था। कुमारस्वामी ने कहा, ‘हम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रति अपना समर्थन दिखाने के लिए यहां आए हैं। हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री दखल दें और समस्या को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।’ LG अनिल बैजल की ओर से मिलने की अनुमति नहीं मिलने के बाद चारों मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास पर गए थे।
ममता ने कहा, नहीं मिली LG से मिलने की इजाजत
ममता ने इस मामले पर बोलते हुए कहा था, ‘मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलना चाहती थी लेकिन मौखिक रूप से मुझे बताया गया कि अनुमति नहीं मिलेगी। इसके बाद हम चारों ने उपराज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा लेकिन हमें बताया गया कि वह यहां नहीं हैं। हमें इजाजत नहीं दी गई।’ इससे पहले चारों मुख्यमंत्रियों की बैठक आंध्र भवन में हुई। ममता, नायडू, विजयन और कुमारस्वामी नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए हुए हैं। चारों मुख्यमंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के निवास पर केजरीवाल की पत्नी और AAP के कुछ अन्य नेताओं से मुलाकात की।
‘हमें 6 मिनट का भी वक्त नहीं दिया गया’
ममता ने कहा, ‘हमें उनसे मुलाकात के लिए 6 मिनट का भी समय नहीं दिया गया। हम चाहते हैं कि इस समस्या को सुलझाया जाए। यह संवैधानिक संकट बन गया है। आखिरकार अगर इस समस्या को नहीं सुलझाया गया तो लोगों को नुकसान होगा। अगर राजधानी में ये चीजें होंगी तो अन्य राज्यों में क्या होगा? हम प्रधानमंत्री से मिलेंगे और उनसे समस्या को सुलझाने के लिए दखल देने का अनुरोध करेंगे।’ मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर फरवरी में कथित हमले के विरोध में दिल्ली के नौकरशाह दिल्ली के मंत्रियों से नहीं मिल रहे हैं। नौकरशाह घटना के लिए केजरीवाल से माफी मांगने को कह रहे हैं।