पूर्व रक्षा मंत्रीनिर्मला सीतारमण को नया वित्त मंत्री बनाया गया है। देश की पहली रक्षा मंत्री रहीं निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर इतिहास बना दिया है। वे भारत की पहली पूर्ण कालिक वित्त मंत्री बन गई हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने 1970 से 1971 के बीच वित्त मंत्री का अतिरिक्त कार्यभाल संभाला था। ऐसे में पूर्णकालिक वित्त मंत्री बनकर निर्मला ने एक बार फिर इतिहास रच दिया। इससे पहले पिछले कार्यकाल में पूर्णकालिक रक्षा मंत्री का पद संभालकर निर्मला सीतारमण ने इतिहास रच दिया था।
इससे पहले निर्मला सीतारमण के पास रक्षा मंत्रालय था, जिसे इस बार राजनाथ सिंह को सौंपा गया है। वहीं निर्मला सीतारमण को मिला वित्त मंत्रालय अरुण जेटली के पास था। अरुण जेटली की बीमारी के चलते मोदी सरकार का अंतरिम बजट कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पेश किया था।
सामने हैं ये बड़ी चुनौतियां
निर्मला सीतारमण के सामने खड़ी चुनौतियों की बात करें तो भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देना उनका सबसे महत्वपूर्ण काम होगा। सीतारमण को अगले महीने बजट पेश करना है। इससे पहले उन्हें बढ़ती महंगाई, बढ़ती तेल की कीमतें, रुपये की कमजोरी जैसे मुद्दों का भी सामना करना है।
निर्मला सीतारमण का राजनीति सफर
निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडू के मदुरै में नारायण सीतारमण के घर हुआ था. उन्होंने सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से बीए किया और साल 1980 में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से एमए की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने गैट फ्रेमवर्क के तहत इंडो-यूरोपियन टेक्सटाइल ट्रेड विषय पर पीएचडी की. वो नेशनल कमिशन फॉर वुमन की सदस्य भी रह चुकी हैं. साल 2006 में बीजेपी जॉइन की थी लेकिन साल 2014 में वो नरेंद्र मोदी के मंत्रालय का हिस्सा बनीं, इससे पहले वो बीजेपी के 6 प्रवक्ताओं में से एक थीं, जिनमें रविशंकर प्रसाद भी शामिल थे.
निर्मला सीतारमण के पति डॉक्टर पराकाला प्रभाकर (Parakala Prabhakar) 2000 के शुरुआती दशक में बीजेपी की आंध्र प्रदेश इकाई के प्रवक्ता थे. इस दौरान निर्मला सीतारमण भी धीरे-धीरे बीजेपी में लोकप्रियता हासिल करती गईं. इसके बाद नितिन गडकरी के बीजेपी अध्यक्ष रहने के दौरान वर्ष 2010 में उन्हें बीजेपी का प्रवक्ता चुना गया. 26 मई 2016 को निर्मला सीतारमण ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के लिए राज्य मंत्री के तौर पर (इंडिपेंडेंट चार्ज) शपथ ली. इसके अलावा वो वित्त और कॉर्पोरेट अफेयर्स की राज्य मंत्री भी रहीं जो वित्त मंत्री अरुण जेटली के अंतर्गत आता .