नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में विपक्षी दलों पर अप्रत्यक्ष वार करते हुए कहा कि राजग विरोधी अभियान में माओवादी ताकतों का इस्तेमाल न सिर्फ सरकार के खिलाफ है, बल्कि यह संविधान के भी विरुद्ध है। अरुण जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में प्रकाशित आलेख में कहा, "दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ राजनीतिक दल राजग विरोधी अभियान में माओवादियों को अपने औजार के रूप में देखते हैं। आतंकवाद और उग्रवाद का इतिहास हमें यह सीख देता है कि बाघ की सवारी कभी मत करो, अन्यथा उसका पहला शिकार आप ही बनोगे।"
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि माओवादी न सिर्फ सरकार को, बल्कि संवैधानिक व्यवस्था का हिंसा से पलटने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि माओवादी व्यवस्था में कोई मौलिक अधिकार, कानून व्यवस्थ, संसद और और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होती है। केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा, "लेकिन अपने राजनीतिक आधार बढ़ाने के लिए उनसे हमदर्दी रखने वाले लोकतंत्र के मुहावरों का खूब प्रयोग करते हैं।"
जेटली ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि माओवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी चिंतनीय है। पिछले कुछ दिनों से उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी माओवादी गतिविधियां बढ़ी हैं। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, "यह खतरनाक प्रवृत्ति है जिसे सभी राजनीतिक दलों को समझना चाहिए और उस पर अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए।"
उनकी यह टिप्पणी पुणे में पुलिस को कोरेगांव-भीमा में हुई जातीय हिंसा में माओवादियों का हाथ होने की बात सामने आने पर आई है। वहां पुलिस को मिले पत्रों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की हत्या की योजना का संकेत मिला है। (आईएएनएस)