नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को अपनी सरकार के खिलाफ 'भ्रष्टाचार' और 'नीतिगत अपंगता' के लगाए जा रहे आरोपों के जवाब में कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है और उन्होंने अपने पद का इस्तेमाल कभी स्वयं को या अपने परिवार तथा मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं किया।
मनमोहन ने यहां भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "मैं पूरी विनम्रता से कहना चाहता हूं कि मैंने अपने पद का इस्तेमाल कभी स्वयं को या अपने परिवार तथा मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं किया।"
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के खिलाफ 'नीतिगत अपंगता' के आरोप सरासर 'गलत' हैं।
उन्होंने कहा, "जब हमारी सरकार ने सत्ता छोड़ी, उस वक्त भारत दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था था।"
मनमोहन ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए बार-बार भ्रष्टाचार को उठाती है।"